![G20 समिट में मोदी... क्यों रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की भूमिका बड़ी हो गई है?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202211/pm_modi_in_g20-sixteen_nine.jpg)
G20 समिट में मोदी... क्यों रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की भूमिका बड़ी हो गई है?
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बाली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कूटनीतिक वार्ताओं का व्यस्त शेड्यूल है. इस बीच चर्चा है कि क्या भारत यूक्रेन और रूस के बीच सुलह कराने के लिए समरकंद की बातचीत को आगे बढ़ाएगा. समरकंद में SCO सम्मेलन के दौरान ही पीएम मोदी ने कहा था कि ये समय युद्ध का नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब समरकंद में रूस के राष्ट्रपति को मित्रवत सलाह देते हुए कहा कि आज युद्ध का युग नहीं है तो उनकी ये लाइन अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में बेंचमार्क सरीखा बन गई. पीएम मोदी ने सितंबर में पुतिन को ये सलाह दी थी कि और इस बात पर जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन वार को डायलॉग और डिप्लोमेसी के जरिये ही सुलझाया जाए. आज का समय युद्ध का नहीं है.
सितंबर से लेकर नवंबर यानी कि अगले 60 दिनों तक पीएम मोदी की इस अपील की गूंज दुनिया भर में सुनाई दी. अमेरिका ने कहा था कि वह भारत के प्रधानमंत्री के इस बयान का स्वागत करता है और संवाद के जरिए युद्ध का अंत होना चाहिए.
अब जब पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 सम्मेलन में शिरकत करने के लिए एक बार फिर से इंडोनेशिया के बाली पहुंचे हैं तो कूटनीतिक हलकों में ये चर्चा हो रही है कि क्या भारत यूक्रेन और रूस के बीच सुलह कराने के लिए बातचीत की मेज पर पीसमेकर बनने को तैयार है?
यूक्रेन वार से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों के बीच भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्लेन बाली में लैंड कर चुका है. पीएम एक बार फिर से दुनिया के उन नेताओं के बीच में हैं जिन्हें युद्ध सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है.
युद्धविराम तक पहुंचने का रास्ता खोजना होगा- मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.