ED के डर या किसी निजी हित के लिए अजित पवार खेमे में नहीं हुआ शामिल: वाल्से पाटिल
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दिलीप वालसे पाटिल ने कहा, मैंने किसी को यह कहते हुए सुना कि मैंने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पराग और गोवर्धन डेयरी को ED से नोटिस मिला था. मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरा इन डेयरियों से कोई लेना-देना नहीं है. हमारे परिवार से किसी ने भी इनमें एक रुपया भी निवेश नहीं किया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा, NCP) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने रविवार को उन खबरों को खारिज कर दिया कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी नोटिस के कारण अजित पवार खेमे में शामिल हुए हैं.
पुणे जिले के अपने विधानसभा क्षेत्र अंबेगांव में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, वाल्से पाटिल ने कहा कि उनका राजनीतिक अस्तित्व उनके वरिष्ठ पवार के कारण है. उन्होंने हाल ही में शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली है.
वाल्से पाटिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उन नौ विधायकों में से एक हैं, जो पिछले रविवार को शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे.
वालसे पाटिल ने सभा में कहा, 'मैंने ED के किसी नोटिस के कारण शरद पवार को नहीं छोड़ा. मुझे ईडी, सीबीआई या आयकर से कोई नोटिस नहीं मिला है.' उन्होंने दावा किया कि अजीत पवार के साथ गठबंधन करने के उनके फैसले के पीछे कोई व्यक्तिगत हित नहीं था.
उन्होंने कहा कि मैंने किसी को यह कहते हुए सुना कि मैंने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पराग और गोवर्धन डेयरी को ED से नोटिस मिला था. मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरा इन डेयरियों से कोई लेना-देना नहीं है. हमारे परिवार से किसी ने भी इनमें एक रुपया भी निवेश नहीं किया है.
वाल्से पाटिल ने कहा कि अजित पवार खेमे की लड़ाई पवार साहब के खिलाफ नहीं है, जैसा कि राकांपा संस्थापक लोकप्रिय रूप से जाने जाते हैं.
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