
अजित की NCP ने अंकल की पार्टी को 29 सीटों पर दी शिकस्त, शिंदे की सेना ने उद्धव के 36 उम्मीदवारों को हराया... महाराष्ट्र की रोचक जंग
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जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी अपने पक्ष में कर लिया था. इस बगावत ने शिवसेना को दो धड़ों में बांट दिया, लेकिन इस चुनाव में शिंदे ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए बेहद अहम साबित हुए. शिंदे की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 57 सीटें जीतकर विरोधी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) को 36 सीटों पर शिकस्त दी है तो दूसरी ओर, एमवीए की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) 95 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद केवल 20 सीटें जीत पाई. महायुति गठबंधन ने जहां प्रचंड बहुमत के साथ 288 सीटों में से 230 पर जीत दर्ज की, वहीं महाविकास अघाड़ी (एमवीए) केवल 46 सीटों तक सिमटकर रह गया. यह चुनाव न केवल शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच शक्ति प्रदर्शन था, बल्कि एनसीपी के भीतर अजित पवार और शरद पवार के गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी देखने को मिली.
शिवसेना (शिंदे) बनाम शिवसेना (यूबीटी): किसने मारी बाजी? शिंदे की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 57 सीटें जीतीं, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद केवल 20 सीटें जीतीं. शिंदे गुट ने 36 सीटों पर सीधे शिवसेना (यूबीटी) को हराया.
शिंदे का बड़ा दांव और चुनावी जीत जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी अपने पक्ष में कर लिया था. इस बगावत ने शिवसेना को दो धड़ों में बांट दिया, लेकिन इस चुनाव में शिंदे ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है. शिंदे गुट ने जहां अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की, वहीं उद्धव गुट को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
ठाणे जिले की कोपरी-पाचपाखड़ी सीट से शिंदे ने 1.2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की. सिल्लोड सीट पर मंत्री अब्दुल सत्तार ने सुरेश बांकर को हराया तो वहीं, औरंगाबाद सेंट्रल में प्रदीप जैसवाल ने बाला साहेब थोराट को शिकस्त दी है. ठाणे जिले के भिवंडी ग्रामीण क्षेत्र में शिंदे गुट के शंकर मोरे ने शिवसेना (यूबीटी) के महादेव घाटल को हराया है.
उद्धव गुट की करारी हार शिवसेना (यूबीटी) ने केवल 20 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें प्रमुख सीट वर्ली शामिल है. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए मिलिंद देवड़ा को हराया. दिंडोशी से सुनील प्रभु ने संजय निरुपम को हार की राह दिखाई तो माहिम से महेश सावंत ने सदा सरवणकर को हरा दिया और विधानसभा पहुंचे हैं. विक्रोली से सुनील राऊत ने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार को हराया है.
महाविकास अघाड़ी की भी करारी हार एमवीए ने राज्य में सत्ता वापसी का सपना देखा था, लेकिन कांग्रेस-एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन महज 46 सीटों तक सिमट गया. भाजपा और शिंदे की शिवसेना के महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया. भाजपा ने 132, शिंदे गुट ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.
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