Dussehra 2024: आखिर क्यों दिया था नंदी ने लंकापति रावण को श्राप, जानें इसके पीछे की वजह
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Dussehra 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है. हम हमेशा सुनते हैं कि रावण की मृत्यु माता सीता के कारण हुई थी. लेकिन, रावण को मिले श्रापों की जानकारी बहुत ही कम लोगों थी जो उसकी मौत का कारण भी बने थे. तो आइए जानते हैं उन श्राप के बारे में.
Dussehra 2024: दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है इसलिए इसका नाम विजयादशमी भी है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने सीता माता कि रक्षा के लिए रावण का वध किया था इसीलिए लोग इस दिन को असत्य पर सत्य के जीत के रूप में मनाते हैं.
दशहरा पर कई जगहों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है और रावण जलाया जाता है. रावण के दस सर थे इसलिए उसको दशानन कहते थे. हम हमेशा सुनते हैं कि रावण की मृत्यु माता सीता के कारण हुई थी. लेकिन, रावण को मिले श्रापों की जानकारी बहुत ही कम लोगों थी जो उसकी मौत का कारण भी बने थे. तो आइए जानते हैं उन श्राप के बारे में.
1. पहला श्राप राजा अनरण्य ने दिया
रावण को पहला श्राप राजा अनरण्य ने दिया था. अनरण्य एक प्रतापी राजा थे जो कि श्री राम के वंशज थे. कहते है जब रावण विश्व विजय पर निकल रहा था तो उसका युद्ध राजा अनरण्य से हुआ था और युद्ध में राजा अनरण्य की हार हुई थी. लेकिन, अपनी मृत्यु से पहले राजा अनरण्य ने रावण को ये श्राप दिया था कि मेरा ही वंश तुम्हारी मौत का कारण बनेगा. रामायण के अनुसार, श्रीराम ने भी रघुकुल में ही जन्म लिया था.
2. दूसरा श्राप नंदी ने दिया
रावण को दूसरा श्राप भगवान शिव के वाहन नंदी ने दिया था. कहते हैं कि दशानन भगवान शिव के बहुत ही बड़े भक्त थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार रावण भगवान शिव से मिलने कैलाश पहुंच गए थे. अहंकारी रावण ने भगवान शिव के वाहन नंदी बैल स्वरूप और वानर मुख का मजाक उड़ाया. इस मजाक का नंदी को बहुत बुरा लगा जिसके कारण नंदी ने रावण को ये श्राप दिया कि तेरा सर्वनाश भी वानर के कारण होगा. कथाओं के अनुसार, भगवान हनुमान और वानरों की सेना के कारण लंकापति का सर्वनाश इन्हीं के कारण हुआ था.
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