Decoding Operation Zawahiri: 4 महीने की ट्रैकिंग, फिर ड्रोन अटैक... CIA के सीक्रेट ऑपरेशन में ऐसे ढेर हुआ जवाहिरी
AajTak
अमेरिका ने शनिवार को अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी को ड्रोन हमले में ढेर कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जवाहिरी की मौत की पुष्टि की. अल जवाहिरी (71 साल) ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से आतंकी संगठन अल कायदा का लीडर था. जवाहिरी काबुल में एक घर में छिपा था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जवाहिरी 9-11 की साजिश में शामिल था.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को बताया कि अल कायदा का चीफ अल जवाहिरी ड्रोन हमले में ढेर हो गया. अल जवाहिरी अफगानिस्तान के काबुल में छिपा था. जहां अमेरिकी एजेंसी CIA ने एयर स्ट्राइक कर उसे ढेर कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जवाहिरी 9-11 की साजिश में शामिल था. इस हमले में 2977 लोगों की मौत हो गई थी. अल जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर यानी 1.97 अरब रुपए इनाम था.
कहां छिपा था अल जवाहिरी ?
अल जवाहिरी ने काबुल में एक घर में पनाह ले रखी थी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, तालिबान सरकार को अल जवाहिरी के घर में मौजूद होने की जानकारी भी थी. खास बात ये है कि जिस घर में जवाहिरी छिपा था, वह तालिबान के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के काफी करीबी का था. इतना ही नहीं जिस घर में जवाहिरी छिपा था, वह अमेरिकी दूतावास और अमेरिकी सैन्य अड्डे के काफी पास था. अमेरिका ने पिछले साल अगस्त में इन्हें खाली कर दिया था.
कैसे की गई अल जवाहिरी की मौत की प्लानिंग?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अल जवाहिरी को मारने का आदेश देने से पहले यह जानना चाहते थे कि आखिर अल कायदा चीफ कहां छिपा है? अमेरिका ने भले ही एक ही ड्रोन हमले में जवाहिरी को मार गिराया हो, लेकिन इसके लिए जो बाइडेन और उनके सलाहकारों को कई महीनों तक सीक्रेट मीटिंग कर प्लानिंग करनी पड़ी.
इसके लिए अमेरिकी खुफिया विभाग ने कई महीनों तक तैयारियां कीं. यहां तक कि जवाहिरी जिस घर में छिपा था, उसका भी एक छोटा सा मॉडल तैयार कर जो बाइडेन के लिए व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम के अंदर रखा गया था ताकि विकल्पों पर चर्चा हो सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.