
Crorepati Formula: करोड़पति बनना है आसान... सिर्फ एक बार लगाएं 1 लाख रुपये, फिर हो जाएं टेंशन फ्री!
AajTak
अगर आपके पास सिर्फ 1 लाख रुपये है और आप इसे एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं. इसपर सालाना रिटर्न 12 फीसदी मान लिया जाए तो आइए समझते हैं रिटायरमेंट तक आपके पास कितने रुपये जमा हो सकते हैं.
रिटायरमेंट पर अगर अच्छा अमाउंट जमा कर रहे तो आगे का जीवन बहुत ही आसान हो सकता है. रेगुलर इनकम के लिए आपको कहीं काम करने या किसी पेंशन पर डिपेंड रहने की आवश्यकता नहीं होगी. अगर आप भी ऐसा ही चाहते हैं तो अभी से आपको एक काम कर लेना चाहिए. रिटायरमेंट तक आपके पास करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा डिपॉजिट हो जाएगा. यहां कैलकुलेशन में हम यही बता रहे हैं कि कैसे आप 1 लाख रुपये से रिटायरमेंट तक 1 करोड़ रुपये बना सकते हैं.
कंपाउंडिंग आपकी वेल्थ को कई गुना तक बढ़ा सकता है. इस हिसाब से आपको कुछ ऐसी जगहों पर निवेश करना चाहिए, जहां ज्यादा अमाउंट कंपाउंड के तौर पर मिल रहा है. इसमें म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प हो सकता है. Mutul Funds में एकमुश्त से लेकर हर महीने भी पैसा निवेश कर सकते हैं. इसपर सालाना ब्याज का लाभ उठा सकते हैं.
अगर आपके पास सिर्फ 1 लाख रुपये है और आप इसे एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं. इसपर सालाना रिटर्न 12 फीसदी मान लिया जाए तो आइए समझते हैं रिटायरमेंट तक आपके पास कितने रुपये जमा हो सकते हैं.
अगर 20 साल की उम्र में निवेश अगर आप 20 साल की उम्र में 1 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो आप हैरान रह जाएंगे. जब आप 60 साल के हो जाते हैं, तो यह निवेश लगभग 100 गुना बढ़कर लगभग 1 करोड़ रुपये हो जाता है. यह कंपाउंडिंग रेट के कारण होता है, क्योंकि आपका पैसा 40 साल तक बिना रुके तेजी से बढ़ता रहेगा.
30 साल की उम्र में किया निवेश वहीं अगर आप 30 साल की आयु में निवेश करना शुरू करते हैं और एकमुश्त 1 लाख डिपॉजिट करते हैं तो अब 1 लाख रुपये का निवेश रिटायरमेंट तक केवल 30 गुना ही बढ़ता है, जिसके परिणामस्वरूप 60 साल की आयु तक 30 लाख रुपये हो जाते हैं.

साल 2023 में इसे डिफॉल्ट कर दिया गया. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा टैक्स छूट नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप अन्य डिडक्शन का बेनिफिट उठा सकते हैं. सिर्फ सैलरीड ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत एक्स्ट्रा डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.