Constipation during Corona: हर वक्त घर पर रहने से हो रही है कब्ज की दिक्कत? इन आसान उपायों से होगा ठीक
Zee News
बीते एक साल से भी ज्यादा समय से बहुत से लोग कोरोना वायरस महामारी की वजह से घर से ही काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों में कब्ज की दिक्कत भी देखने को मिल रही है. इन घरेलू उपायों से पेट साफ करने में मदद मिल सकती है.
नई दिल्ली: मौजूदा समय में कोरोना वायरस के मामले () जिस तेजी से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में फैल रहे हैं उसे देखते हुए मास्क लगाना, हाथों को अच्छी तरह से साफ करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना काफी नहीं है. इसके लिए जरूरी है कि जहां तक संभव हो आप घर से बाहर बिल्कुल न निकलें (Avoid going out). बीते करीब 1 साल से भी ज्यादा समय से बड़ी संख्या में लोग कोरोना वायरस की वजह से घर से ही काम कर रहे हैं. इतना ज्यादा समय इंडोर बिताने की वजह से (Staying indoor) एक और समस्या देखने को मिल रही है और उसे नाम दिया गया है- क्वारंटीन कब्ज (Quarantine constipation). इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्हें महामारी से पहले तक कब्ज की कोई समस्या नहीं थी. लेकिन अब कोरोना काल में हर वक्त घर में रहने और कोई एक्टिविटी न करने की वजह से उनका पेट साफ नहीं हो रहा और कब्ज की दिक्कत () बढ़ रही है. भोजन के बाद बैठे रहने और रात के खाने के बाद सीधे सो जाने जैसी आदतें कब्ज के लिए जिम्मेदार हैं. ऐसे में एलोपेथिक दवाइयां खाने की बजाय अगर आप कुछ घरेलू उपाय आजमाएं (Home remedies) तो आपकी समस्या भी दूर हो जाएगी और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.