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China-Taiwan Tension: ताइवान पर हर हाल में कब्जा करना क्यों चाहता है चीन? समझिए
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चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. विश्व पहले से ही एक युद्ध की मार झेल रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर पूरी दुनिया पर किसी ना किसी तरीके से पड़ा ही है. अब ऐसे में चीन और ताइवान के बीच का तनाव कब युद्ध का रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता है. पूरी दुनिया डरी हुई है कि कहीं एक और युद्ध सब कुछ खत्म ना कर दे. डर ये भी है कि चीन ताइवान युद्ध के साथ कहीं तीसरा विश्वयुद्ध न शुरू हो. उधर चीन किसी भी कीमत पर ताइवान पर कब्जा करना चाहता है. ताइवान को कब्जा कर चीन अपना दबदबा बनाना चाहता है. जिनपिंग की नजर दक्षिण चीन सागर पर है. देखें ये रिपोर्ट.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.