Childhood Obesity: बच्चों में भी बढ़ रहा है मोटापे का खतरा, ये 5 टिप्स अपनाएं ताकि कंट्रोल में रहे उनका वेट
Zee News
WHO की मानें तो बच्चों में मोटापे की समस्या 21वीं सदी में सेहत से जुड़ी सबसे बड़ी समस्याओं से एक बन गयी है. इससे निपटने के लिए पैरंट्स को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा ताकि बच्चे के बढ़ते वजन को कंट्रोल किया जा सके.
नई दिल्ली: बीते 1 साल से ज्यादा समय से कोविड-19 महामारी (Coronavirus) की वजह से बच्चे, बड़े, बुजुर्ग सभी अपने घरों की चार दीवारी में बंद हो गए हैं. खासकर बच्चे जो रोजाना स्कूल जाते थे, दोस्तों के साथ पार्क में खेलते-कूदते थे, फिजिकल एक्टिविटी करते थे, वो सारी चीजें बंद हो गई हैं और इसका सीधा असर पड़ रहा है बच्चों के बढ़ते वजन () पर. हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स की मानें तो जंक फूड ज्यादा खाने, फिजिकल एक्टिविटी न करने और घर से बाहर निकलकर दूसरे बच्चों के साथ खेलकूद न कर पाने की वजह से बड़ी संख्या में बच्चों में मोटापे की समस्या देखने को मिल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो बच्चों में होने वाला मोटापा () 21वीं सदी में सेहत से जुड़ी सबसे बड़ी समस्याओं से एक बन गया है. बीते 40 सालों में स्कूल जाने वाले बच्चे और टीनएजर्स में मोटापे की समस्या 10 गुना बढ़ गई है. भारत में हाल ही में हुए नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में भी यही बात सामने आयी है. इस हेल्थ सर्वे में 22 राज्यों को शामिल किया गया था जिसमें से 20 राज्यों में बच्चों में मोटापे की समस्या में बढ़ोतरी देखने को मिली.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.