Budget से पहले मोदी सरकार का बड़ा कदम, 1 अप्रैल से लागू होगी UPS... जानिए इसके फायदे
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NPS में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14% होता है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू होने के बाद सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5% होगा.
देश का आम बजट (Union Budget 2025) आने वाला है और 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे संसद में पेश करेंगीं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आधिकारिक तौर पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को नोटिफाई कर दिया है. इसके साथ ही इस बात का ऐलान भी हो गया है कि ये नई पेंशन स्कीम किस तारीख से लागू किया जाएगा.
1 अप्रैल 2025 से लागू होगी UPS सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते साल अगस्त 2024 में यूपीएस को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन योजना (NPS) के बीच संतुलन बनाते हुए लॉन्च किया था, जो कि सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद गारंटेड पेंशन प्रदान करती है, जो उनकी फाइनेंशियल सेफ्टी सुनिश्चित करने में मददगार है.
किन कर्मचारियों पर होगी लागू? पीटीआई के मुताबिक, NPS के तहत कवर होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस यूनिफाइड पेंशन स्कीम को शनिवार 25 जनवरी 2025 को सरकार की ओर से नोटिफाई किया गया है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों पर लागू होगी, जो कि NPS यानी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आते हैं और इसके तहत यूपीएस के ऑप्शन को चुनते हैं. गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्र सरकार के कर्मचारी या तो एनपीएस के तहत यूपीएस विकल्प लेना चुन सकते हैं या यूपीएस विकल्प के बिना एनपीएस जारी रख सकते हैं. सरकारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि यूपीएस चुनने वाले लोग किसी अन्य पॉलिसी रियायत, पॉलिसी चेंज, फाइनेंशियल बेनिफिट के हकदार नहीं होंगे.
सरकारी खजाने पर बढ़ेगा इतना बोझ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते 24 अगस्त 2024 को यूपीएस का ऐलान करते हुए इससे जुड़ी तमाम जानकारियां शेयर की थीं. इसके मुताबिक, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14 फीसदी होता है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू होने के बाद सरकार का ये कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी होगा. इस हिसाब से सरकारी खजाने पर बढ़ने वाला अतिरिक्त बोझ पहले साल 6250 करोड़ रुपये होगा.
UPS में क्या-क्या है खास? केंद्र के 23 लाख कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का लाभ मिलेगा, जिसके तहत कर्मचारी के 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के बाद आजीवन दिया जाएगा. इसके लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक सेवा देनी होगी. समय-समय पर इस तय पेंशन में महंगाई राहत (DR) का लाभ भी जोड़ा जाएगा. कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली में से किसी एक योग्य सदस्य को कर्मचारी के पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा, जबकि अगर किसी कर्मचारी ने सिर्फ 10 साल या उससे अधिक तक सर्विस की है तो उसे कम से कम पेंशन 10 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है.
नई स्कीम के अन्य और बड़े लाभों के बारे में बताएं तो यूपीएस के तहत ग्रेच्युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि भी दी जाएगी. इसका कैलकुलेशन कर्मचारियों के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा. इसमें ग्रेच्युटी की अमाउंट ओपीएस की तुलना में कम हो सकती है.
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