BRO के लिए बजट में 7000 करोड़ का आवंटन, बॉर्डर एरिया के विकास पर केंद्र की खास नजर
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रक्षा मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 में सीमा सड़क संगठन को 7,146.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष से 9.74% अधिक है. यह बजट सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बेहतर बनाने के लिए है. इसमें सुरंगों, सड़कों और पुलों की नई परियोजनाएं शामिल हैं.
रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में घोषित वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सीमा सड़क संगठन (BRO) को 7,146.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह राशि 2024-25 की बजट अनुमानों से 9.74% ज्यादा है. यह उच्चतम सरकारी आवंटन है, जिसका मुख्य उद्देश्य सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना है. इस प्रावधान के माध्यम से न सिर्फ देश की रणनीतिक हितों की सुरक्षा की जाएगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
BRO द्वारा इस बजट में सुरंगों, पुलों और सड़कों जैसे अहम प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया जाएगा, जिनमें अरूणाचल प्रदेश में LGG-दमटेंग-यांग्त्से सड़क, जम्मू और कश्मीर में आशा-चीमा-अनीता सड़क, और राजस्थान में बिर्धवाल-पुग्गल-बज्जू सड़क शामिल हैं. इनके अलावा, BRO ने 70,000 स्थानीय युवाओं को रोजगार देकर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार और कौशल विकास को भी बढ़ावा दिया है.
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BRO की 75 नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया!
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर 2024 में BRO की 75 नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था, जिनकी लागत 2,236 करोड़ रुपये रही थी. इन परियोजनाएं में 22 सड़कें, 51 पुल और दो अन्य शामिल हैं. ये परियोजनाएं 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं, जिनमें जम्मू और कश्मीर में 19, लद्दाख में 11, अरूणाचल प्रदेश में 18, उत्तराखंड में 9, सिक्किम में 6, हिमाचल प्रदेश में 5, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में 2-2, और नागालैंड, मिजोरम और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 1-1 परियोजना शामिल हैं.
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ECI ने दिल्ली के चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखकर सभी प्रमुख अधिकारियों को निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं. कानून व्यवस्था की देखरेख और धन बल के दुरुपयोग पर नजर रखने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं. सभी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग करने को भी कहा गया है, और किसी भी गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई निर्देश दिए गए हैं.
दुलारी देवी ने कहा कि सीतारमण जी द्वारा इस साड़ी को पहनना न केवल मधुबनी कला को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाने जैसा है, बल्कि इससे देशभर में इस पारंपरिक कला को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद भी है. बता दें कि मधुबनी जिले के रांती गांव की निवासी देवी को कला में उनके योगदान के लिए 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था