
Banking Fraud: घट गए सरकारी बैंकों में फ्रॉड, FY22 में आई इतनी कमी
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रिजर्व बैंक ने यह भी बताया कि एक लाख रुपये से कम के फ्रॉड के मामले 01 अप्रैल 2017 से रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. सेंट्रल बैंक ने कहा कि सुधार या अपडेशन के बाद फ्रॉड के ये आंकड़े बदल भी सकते हैं.
पिछले फाइनेंशियल ईयर (FY22) के दौरान सरकारी बैंकों में फ्रॉड (Banking Fraud) में काफी कमी आई है. हालांकि फ्रॉड के मामले ज्यादा कम नहीं हुए, लेकिन इसकी रकम में आधे से ज्यादा गिरावट आई है. रिजर्व बैंक (RBI) ने आरटीआई (RTI) के तहत पूछे जाने पर जवाब में बैंकिंग फ्रॉड के आंकड़ों की जानकारी दी है.
आधी से भी कम हो गई फ्रॉड की रकम
मध्यप्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ के सवालों के जवाब में रिजर्व बैंक ने बताया कि मार्च 2022 को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर में सरकारी बैंकों ने 40,295.25 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी है. आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2020-21 (FY21) के दौरान 12 सरकारी बैंकों ने 81,921.54 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी थी. हालांकि फ्रॉड के मामलों के हिसाब से देखें तो इतनी तेज गिरावट नहीं आई है. FY21 में फ्रॉड के 9,933 मामले सामने आए थे, जो FY22 में कम होकर 7,940 पर आ गए.
इस बैंक के साथ सबसे ज्यादा फ्रॉड
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने सबसे ज्यादा 9,528.95 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी दी है. पीएनबी के साथ पिछले फाइनेंशियल ईयर में फ्रॉड के 431 मामले सामने आए. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) के साथ इस दौरान 4,192 मामलों में 6,932.37 करोड़ रुपये के फ्रॉड हुए. एसबीआई के साथ फ्रॉड के मामले काफी ज्यादा हैं, जबकि रकम पीएनबी की तुलना में कम है. इससे पता चलता है कि एसबीआई के साथ हुए ज्यादातर फ्रॉड छोटी रकम वाले हैं.
इन बैंकों को भी लगा चूना

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