AAP, BJP या कांग्रेस... दिल्ली में किसकी तरफ जाएंगे स्विंग वोटर्स? समझें पूरा सियासी गणित
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2019 के लोकसभा चुनाव में 2015 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले आप को 36 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ. वहीं भाजपा को 25 प्रतिशत और कांग्रेस को 13 प्रतिशत का फायदा हुआ. 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 36 प्रतिशत वोट शेयर फिर से हासिल कर लिया. इसका परिणाम ये था कि भाजपा और कांग्रेस को इस चुनाव में 18-18 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ. 2024 के लोकसभा चुनाव में आप को फिर से 30 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ, जबकि भाजपा को 16 और कांग्रेस को 15 प्रतिशत का फायदा हुआ.
पिछले एक दशक में दिल्ली ने लगातार लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी और विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को वोट दिया है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या यह रुझान 2025 में भी जारी रहेगा? दरअसल, 2013 का विधानसभा चुनाव AAP का पहला चुनाव था, पार्टी ने 30% वोट शेयर दर्ज किया था. इसी चुनाव में भाजपा ने 33% और कांग्रेस ने 25% वोट शेयर दर्ज किया.
2014 के लोकसभा चुनावों में AAP ने 3% वोट शेयर हासिल किया, भाजपा ने 13%, जबकि कांग्रेस ने 10% वोट खो दिया. 2015 के विधानसभा चुनावों में AAP ने 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक वोट शेयर हासिल किया, जिसमें भाजपा का 14 प्रतिशत और कांग्रेस का पांच प्रतिशत वोट शेयर टूटा.
2019 के लोकसभा चुनाव में 2015 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले आप को 36 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ. वहीं भाजपा को 25 प्रतिशत और कांग्रेस को 13 प्रतिशत का फायदा हुआ. 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 36 प्रतिशत वोट शेयर फिर से हासिल कर लिया. इसका परिणाम ये था कि भाजपा और कांग्रेस को इस चुनाव में 18-18 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ. 2024 के लोकसभा चुनाव में आप को फिर से 30 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ, जबकि भाजपा को 16 और कांग्रेस को 15 प्रतिशत का फायदा हुआ.
2024 के लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस सहयोगी थे. लेकिन अब वे एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. आप की सफलता या विफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह 30 प्रतिशत स्विंग वोटर को अपने पाले में वापस ला पाती है या नहीं, जैसा कि उसने 2015 और 2020 में किया था. अगर भाजपा और कांग्रेस 15 प्रतिशत स्विंग वोटरों में से पांच प्रतिशत को भी अपने पाले में रखती हैं, तो आप का वोट शेयर 44 प्रतिशत तक गिर जाएगा. वहीं भाजपा का 44 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा और कांग्रेस का नौ प्रतिशत तक. ऐसी स्थिति में आप 31-39 के अंतर से भाजपा से चुनाव हार सकती है.
स्विंग वोटर कौन हैं?
दिल्ली में करीब 30 फीसदी सवर्ण मतदाता स्विंग वोटर हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 75 फीसदी सवर्णों का समर्थन मिला था. 2020 के विधानसभा चुनावों में यह घटकर 54 फीसदी रह गया. 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 12 फीसदी समर्थन मिला था, जो 2020 में घटकर तीन फीसदी रह गया. 2019 में आप को 13 फीसदी समर्थन मिला था, जो 2020 में बढ़कर 41 फीसदी हो गया. सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनावों में आप के 29 फीसदी सवर्ण मतदाता भाजपा (18 फीसदी) और कांग्रेस (12 फीसदी) की ओर शिफ्ट हो सकते हैं.
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