
30 साल तक माता-पिता ने बच्चों को घर में रखा कैद, ऐसे मिली 13 भाई-बहनों को आजादी
AajTak
क्या कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को भूखा रख सकता है? उन्हें मोटी-मोटी जंजीरों से बांधकर जानवरों जैसा बर्ताव कर सकता है? इस बात पर यकीन कर पाना बेशक मुश्किल है. लेकिन अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक ऐसा दंपति जोड़ा रहता था जिसने 30 सालों तक अपने 13 बच्चों के साथ ऐसा सलूक किया. इससे बच्चों की हालत ऐसी हो गई थी कि वे मरने की कगार तक पहुंच चुके थे. लेकिन कैसे इन बच्चों को पुलिस ने रेस्क्यू करके नरक से छुटकारा दिलवाया चलिए जानते हैं विस्तार से...
कहानी है कैलिफोर्निया में रहने वाले टर्पिन परिवार (Turpin Family) की. यहां डेविड और लुईस टर्पिन (David and Louise Turpin) नामक जोड़े रहता था. साल 1985 में इस जोड़े की शादी हुई थी. उस समय डेविड की उम्र 23 साल और लुईस की उम्र 16 साल थी. शादी से पहले दोनों वर्जिनिया में रहते थे. शादी के बाद डेविड और लुईस टेक्सास में रहने लगे. 1999 में यह परिवार रियो विस्ता शिफ्ट हुआ फिर साल 2010 में ये लोग कैलिफोर्निया आकर रहने लगे.
साल 2018 तक दोनों की शादी को 30 साल हो चुके थे. इन 30 सालों में इस जोड़े को 13 बच्चे पैदा हुए. जिसमें 10 लड़के और 3 लड़कियां थीं. सभी बच्चों की उम्र 3 से 30 साल के बीच थी. फिर दिन आया जनवरी 2018 का. यहां की लोकल पुलिस को एक 17 साल की लड़की का फोन आया, जिसने अपना नाम जॉर्डन टुर्पिन बताया. जॉर्डन उन्हीं बच्चों में से एक थी. उसने पुलिस से कहा कि हमें बचा लो, हम यहां कैद हैं. पुलिस को पहले यह कॉल मजाक लगी. लेकिन फिर उन्होंने बच्ची से पूरा मामला जानना चाहा. बच्ची ने बताया कि उसके माता-पिता ने अपने सभी 13 बच्चों को कैद कर रखा है.
सजा के तौर पर कई दिन तक स्टोर में कैद रखा Mirror के मुताबिक, जॉर्डन ने बताया कि उसके पिता डेविड और माता लुईस उन लोगों को बाहर नहीं जाने देते. उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते हैं. उन्हें मोटी-मोटी चेन से बांधकर रखते हैं. खाना भी कभी-कभी ही उन्हें दिया जाता है. जॉर्डन ने बताया, ''मैं अक्सर अपने पिता का पुराना मोबाइल गाना सुनने के लिए इस्तेमाल करती थी. जब मेरी मां को इस बारे में पता लगा तो उसने मुझे सजा के तौर पर एक स्टोर में बंद कर दिया. बड़ी मुश्किल से मौका पाकर मैंने एक दिन वो मोबाइल चोरी कर लिया. लेकिन ऐसा करते हुए मेरी एक बहन जो कि 13 साल की है, उसने मुझे देख लिया. मैंने उसे अपने पास बुलाया और कहा कि हम लोग ऐसे मर जाएंगे. हमें इस नरक से मुक्ति चाहिए तो पुलिस को सब कुछ बताना पड़ेगा.''
घर से भागे, लेकिन लौटना पड़ा वापस पुलिस को जॉर्डन ने आगे बताया, ''फिर मैं और मेरी छोटी बहन किसी तरह मौका पाकर वहां से देर रात को भाग निकले. लेकिन हम कभी बाहर गए ही नहीं थे इसलिए हमें पुलिस स्टेशन का रास्ता तक नहीं पता था. इसलिए हमने तय किया कि हम वापस घर लौट जाते हैं. हम वापस आ गए. लेकिन मैं खुद को और अपने भाई बहनों को मरता हुआ नहीं देख सकती. इसलिए मैंने आपको फोन किया है. प्लीज हमारी मदद करो.'''
पुलिस ने घर की तलाशी की शुरू इसी के साथ जॉर्डन ने पुलिस को घर की उन जगहों के बारे में बताया जहां डेविड और लुईस ने बच्चों को कैद कर रखा था. यह फोन कॉल सुनकर पुलिस भी दंग रह गई. पुलिस ने सोचा कि इस मामले को बड़ी ही सावधानी से सोल्व करना होगा. इसलिए जॉर्डन द्वारा बताए गए पते पर पुलिस पहुंची. उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया तो डेविड बाहर निकला. पुलिस ने डेविड से कहा कि हम रूटीन चेकिंग पर निकले हैं. इसलिए सभी घरों की चेकिंग की जा रही है. फिर पुलिस ने जॉर्डन द्वारा बताए कमरों को तलाशा तो उनके होश उड़ गए.
घर से आ रही थी मरे हुए जानवरों की बदबू कमरों के अंदर जमीन पर हर जगह रस्सियां और लोहे की चेन पड़ी हुईं थीं. साथ ही घर से काफी गंदी बदबू भी आ रही थी. यह बदबू थी मरे हुए जानवरों की. घर के अंदर 13 बच्चे भी पुलिस को मिले, जिनकी हालत बहुत ही खराब हो रखी थी. देखने से ऐसा लग रहा था जैसे कि इन्हें काफी सालों से ढंग से खाना ही न दिया गया हो.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.