26 फीसदी लड़ाईयां महीनेभर, जबकि 25 फीसदी सालभर में खत्म, किस तरह के युद्ध खिंचते हैं काफी लंबे?
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दो सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के फिलहाल रुकने के कोई आसान नहीं. इस बीच पिछले अक्टूबर से हमास और इजरायल में जंग छिड़ चुकी. अफ्रीकी देशों समेत मिडिल ईस्ट में सिविल वॉर जारी है. माना जाता है कि इंटर-स्टेट यानी दो देशों के बीच लड़ाई सालभर से ज्यादा चल जाए तो अगले 10 सालों तक सीमा पर झड़पें कॉमन हैं.
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध चल रहा है. एक आंकड़े के अनुसार, दो देशों के बीच हो रहे युद्ध पहले औसतन 15 महीने ही खिंचते थे. अब ये वक्त लंबा हो रहा है. सत्तर के दशक से अब तक हुई लड़ाइयों पर नजर रखने वाली संस्था उपेसला कन्फ्लिक्ट डेटा प्रोग्राम (UCDP) का मानना है कि 25 लड़ाइयां सालभर के भीतर, जबकि 26 प्रतिशत महीनेभर में रुक जाती हैं, वहीं बाकी 49 प्रतिशत युद्ध काफी लंबे चलते हैं, या ऊपरी तौर पर थमे हुए लगें तो भी भीतर-भीतर चलते रहते हैं.
किन देशों में चल रहे युद्ध और गृहयुद्ध
- फिलहाल सबसे लंबा युद्ध रूस और यूक्रेन का माना जा रहा है, जो फरवरी 2022 से अब तक जारी है. - अजरबैजान और आर्मेनिया में सितंबर 2020 को युद्ध शुरू हुआ. बाद में सीजफायर हुआ तो लेकिन बॉर्डर पर छुटपुट लड़ाइयां अब भी जारी. - इजरायल और आतंकी गुट हमास का युद्ध पिछले अक्टूबर शुरू हुआ. माना जा रहा था कि इजरायली आक्रामकता के आगे ये जल्दी रुक जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. - यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध लंबे समय जारी. इसमें अमेरिका और ब्रिटेन भी मौजूदा सरकार का साथ दे रहे हैं ताकि मिलिटेंट्स को खत्म किया जा सके. - सूडान, म्यांमार, इथियोपिया, सहेल (माली, नाइजर और बुर्किना फासो) समेत हैती में अंदरुनी जंग चल रही है.
क्या कहते हैं आंकड़े कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस एंड एसेसमेंट ने साल 1816 से 1985 के बीच चली लड़ाइयों की स्टडी की, और पाया कि अधिकतर जंग 15 महीनों के भीतर खत्म हो गई. लेकिन अब के डेटा बता रहे हैं आधी से कुछ कम लड़ाइयां अनिश्चित काल तक खिंच सकती हैं. और ये खत्म भी हो जाएं तो लड़ रही दोनों पार्टियां सिविल वॉर में घिर जाती हैं.
UCDP के अनुसार, 26% इंटरस्टेट वॉर महीनेभर से भी कम समय तक टिकते हैं, जबकि 25% एक साल चलते हैं. वहीं शेष 49 प्रतिशत वो लड़ाइयां हैं जो डेढ़ साल से लेकर और लंबे समय तक खिंच जाती हैं. किसी को नहीं पता होता कि ये कब रुकेंगी. ट्रेंड ये दिखा कि सालभर से ज्यादा खिंचने पर लड़ाई रुक भी जाए तो भी एक दशक तक सीमा पर छुटपुट झड़पें होती रहती हैं.
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