'24 में बहुमत पाने के लिए क्षेत्रीय दलों को तोड़ रही BJP', नासिक में गरजे शरद पवार
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शरद पवार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से एकजुट करने के प्रयास में शनिवार को सड़क पर उतरे. इस दौरान उन्होंने नासिक में रैली की.उन्होंने कहा कि 'उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और पीवी नरसिम्हा राव की राजनीति देखी है.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य स्तरीय पार्टियों को "नष्ट" करने और विपक्ष को कमजोर करने की योजना बनाए हुए है. अपने भतीजे अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कई अन्य विधायकों के उनके खिलाफ विद्रोह करने और महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के कुछ दिनों बाद, शरद पवार पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से एकजुट करने के प्रयास में सड़क पर उतरे.
बीजेपी की मंशा पर खड़े किए सवाल नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और पीवी नरसिम्हा राव की राजनीति देखी है, ये सभी विपक्षी दलों की आलोचना और विरोध करते थे लेकिन कभी भी उन्हें चुप कराने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि भाजपा की राज्य स्तरीय पार्टियों को नष्ट करने की योजना है. उन्होंने कई जगहों पर ऐसा किया है. चुनावी लोकतंत्र में, विपक्षी दल भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सत्तारूढ़ दल, लेकिन भाजपा की नीति विपक्ष को कमजोर करने की है.
शरद पवार ने कहा कि भाजपा जानती है कि उसके लिए क्या होने वाला है और इसलिए वह 2024 में लोकसभा में बहुमत सुनिश्चित करने के लिए अन्य दलों को तोड़ रही है. उन्होंने कहा कि यह चुनावी लोकतंत्र के लिए बहुत हानिकारक है. एनसीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि वह उन लोगों पर विचार नहीं करते जिनसे उनका मतभेद है.
'मतभेद का मतलब दुश्मनी नहीं' शरद पवार ने कहा कि, बीजेपी जानती है कि उसके लिए क्या होने वाला है और इसलिए वह 2024 में लोकसभा में बहुमत सुनिश्चित करने के लिए अन्य दलों को तोड़ रही है. उन्होंने कहा कि यह चुनावी लोकतंत्र के लिए बहुत हानिकारक है. एनसीपी चीफ ने यह भी कहा कि वह उन लोगों को अपना दुश्मन नहीं मानते जिनके साथ उनके मतभेद हैं. उन्होंने कहा, 'मतभेद का मतलब दुश्मनी नहीं है.
विचारधारा के कारण नहीं थामा बीजेपी का हाथ वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने आज तक के साथ हुई बातचीत में माना कि उनकी 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी के साथ बातचीत हुई थी लेकिन विचारधारा अलग होने से बातचीत आगे नहीं बढ़ी. अपने भतीजे अजित पवार की बगावत पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा कि वह 82 साल की उम्र में भी काम कर सकते हैं. शरद पवार की यह टिप्पणी अजित पवार के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि उनके चाचा रिटायरमेंट ले लें और राकांपा की कमान उन्हें सौंप दें.
ना टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं : शरद पवार शरद पवार ने जोर देकर कहा था कि वह 'अभी बूढ़े नहीं हुए हैं' और पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए उन्होंने कहा, 'ना टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं.' एनसीपी चीफ ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले वे कौन होते हैं? मैं अभी भी काम कर सकता हूं.'
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