20 साल में दोगुनी आबादी और भारत से ज्यादा सांसद, कनाडा में सिखों का इतना दबदबा क्यों?
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निज्जर हत्याकांड को लेकर जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर है. ट्रूडो ने आरोप लगाया कि निज्जर हत्याकांड में भारत का हाथ है, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया. आइए जानते हैं कि कनाडा में सिखों का इतना दबदबा क्यों है, जो कनाडा के प्रधानमंत्री एक आतंकवादी की हत्या को लेकर भारत से रिश्ते खराब करने पर तुले हुए हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए संगीन आरोप के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर है. जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में बोलते हुए भारत पर आरोप लगाया है कि कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है. भारत ने कनाडा के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.
ट्रूडो के आरोप के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाते हुए भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया. जिसके बाद 'जैसे को तैसा' की नीति के तहत भारत ने भी अगले कुछ घंटे में कनाडा के एक वरिष्ठ डिप्लोमैट को पांच दिन के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दे दिया.
इसके अलावा भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए भारतीय वीजा सेवाओं को अगले आदेश तक बंद कर दिया. साथ ही भारत ने ट्रूडो सरकार से नई दिल्ली में कनाडाई डिप्लोमैट की संख्या को कम करने के लिए कहा. ऐसे में आइए जानते हैं कि कनाडा में सिखों का इतना दबदबा क्यों है, जो कनाडा के पीएम ट्रूडो एक आतंकवादी के लिए भारत से रिश्ते खराब करने पर तुले हुए हैं.
यह पहली बार नहीं है जब किसी खालिस्तानी आतंकी को लेकर दोनों देश आमने-सामने हैं. इससे पहले भी कनाडा ने कई बार खालिस्तानियों का बचाव किया है. साल 1982 में जस्टिन ट्रूडो के पिता और तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो ने भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से किए गए खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार के प्रत्यर्पण के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था.
कनाडा में सिखों की आबादी
2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल जनसंख्या 3 करोड़ 70 लाख है. कुल आबादी का चार प्रतिशत यानी लगभग 16 लाख कनाडाई भारतीय मूल के हैं. वहीं, लगभग 7 लाख 70 हजार सिर्फ सिख हैं. इसमें गौर करने वाली बात यह है कि पिछले 20 साल में कनाडा में सिखों की आबादी दोगुनी हो गई है. इनमें से ज्यादातर सिख पंजाब से माइग्रेट हुए हैं, जिनका मकसद उच्च शिक्षा प्राप्त करना या जॉब करना था.
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