120 घंटे का धुआंधार चुनाव प्रचार, 129 सीटों पर सीधा असर... पीएम मोदी का 'मिशन साउथ'
AajTak
दरअसल, 400 पार का नारा तभी सच में पूरा होगा जब बीजेपी दक्षिण के दुर्ग पर भी विजय हासिल कर ले. इनमें खास तौर पर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल शामिल हैं. बीजेपी को इस बार इन तीन राज्यों में खाता खोलने की उम्मीद है. इसके लिए पीएम मोदी ने पूरा जोर लगाया है और बीते 77 दिनों में 23 दिन उन्होंने दक्षिणी राज्यों में बिताए हैं.
लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही पीएम मोदी समेत अन्य सभी विपक्षी दल भी तैयारियों में जुट गए हैं. रैलियों का दौर जारी है. कल इंडिया गठबंधन ने मुंबई में रैली की तो पीएम मोदी 120 घंटे के दक्षिण विजय अभियान पर हैं. भाजपा अपने 400 पार के नारे को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है. दरअसल, 400 पार का नारा तभी सच में पूरा होगा जब बीजेपी दक्षिण के दुर्ग पर भी विजय हासिल कर ले. इनमें खास तौर पर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल शामिल हैं.
बीजेपी की कोशिश है कि इन राज्यों में सीटें बढ़ाई जाएं तभी 400 पार का मिशन पूरा हो सकेगा. बीजेपी को इस बार इन तीन राज्यों में खाता खोलने की उम्मीद है. इसके लिए पीएम मोदी ने पूरा जोर लगाया है और बीते 77 दिनों में 23 दिन उन्होंने दक्षिणी राज्यों में बिताए हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े?
आंकड़ों पर नजर डालें तो दक्षिण के राज्यों में लोकसभा की 129 सीटें हैं. इनमें से 2019 में बीजेपी को सिर्फ 29 सीटों पर जीत मिली थी जबकि विपक्ष को 100 सीटें मिली थीं.
कर्नाटक में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा था, जहां 28 में से 25 सीटों पर उसकी जीत हुई. वहीं तेलंगाना में भी उसने अच्छा प्रदर्शन किया और 17 में से 4 सीटों पर जीत दर्ज की. लेकिन तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में बीजेपी का खाता नहीं खुला.
मिशन साउथ पर पीएम मोदी
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.