![10 सीट, 8 फीसदी जाट वोट... धर्म के बाद अब इन 5 वजहों से जाति की पिच पर आए अरविंद केजरीवाल?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202501/6780069452b27-kejriwal-092534853-16x9.jpg)
10 सीट, 8 फीसदी जाट वोट... धर्म के बाद अब इन 5 वजहों से जाति की पिच पर आए अरविंद केजरीवाल?
AajTak
आम आदमी पार्टी ने पहले पुजारियों को 18 हजार रुपये महीना देने का वादा किया. फिर बीजेपी के मंदिर प्रकोष्ठ के मुकाबले सनातन सेवा समिति बनाने का दांव चला. धर्म की पिच से जाति की पिच पर आकर अब अरविंद केजरीवाल ने सियासी बैटिंग शुरू करते हुए दिल्ली में जाटों के ओबीसी वर्ग में शामिल ना होने और पिछड़े वर्ग का आरक्षण ना मिलने का मुद्दा उठाया.
दिल्ली में धर्म के बाद जाति की सियासत तेज हो गई है. अरविंद केजरीवाल ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. दरअसल, केजरीवाल ने चुनाव से पहले जाट आरक्षण का दांव चल दिया है. दिल्ली में आठ प्रतिशत वोट की ताकत के साथ दस सीट पर नतीजे में फेरबदल की ताकत रखने वाले जाट वोट को लेकर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी. चुनाव से ऐन पहले मांग की है कि जाट समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल किया जाए.
आम आदमी पार्टी ने पहले पुजारियों को 18 हजार रुपये महीना देने का वादा किया. फिर बीजेपी के मंदिर प्रकोष्ठ के मुकाबले सनातन सेवा समिति बनाने का दांव चला. धर्म की पिच से जाति की पिच पर आकर अब अरविंद केजरीवाल ने सियासी बैटिंग शुरू करते हुए दिल्ली में जाटों के ओबीसी वर्ग में शामिल ना होने और पिछड़े वर्ग का आरक्षण ना मिलने का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप का तीर बीजेपी की तरफ मोड़ा. इसके पीछे का मकसद है दिल्ली के 8 प्रतिशत जाट वोटों को साधना, जो 10 सीट पर निर्णायक हैं.
यह भी पढ़ें: 'यूपी-बिहार से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे', अरविंद केजरीवाल के बयान पर हंगामा, BJP और AAP में वार-पलटवार
जाट वोट पर जंग छिड़ने की ये हैं 5 वजह?
अचानक जाट वोट पर जंग छिड़ने की वजह ऐसे ही नहीं है. इसके पीछे पहली वजह है कि 2015 के मुकाबले 2020 में हिंदू वोट की जातियों में वैश्य के अलावा इकलौता जाट वोट ही था, जो आम आदमी पार्टी का बढ़ा था, बाकी सब कुछ ना कुछ घटे थे. इस दूसरी वजह ये है कि 2015 के मुकाबले 2020 में कांग्रेस का पूरा जाट वोट आम आदमी पार्टी अपनी तरफ खींच चुकी है. जिसे वो अब और नहीं घटने या बंटने देना चाहती है. तीसरी वजह है कि दिल्ली के 364 में से 225 गांव जाट बहुल हैं. चौथी वजह है कि दिल्ली में केजरीवाल के ही जाट नेता कैलाश गहलोत अब बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं. पांचवीं वजह है कि नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार हैं, जो जाट समाज से ही आते हैं.
जाटों को बीजेपी से 10 साल से धोखा मिल रहा: केजरीवाल
![](/newspic/picid-1269750-20250213115022.jpg)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने पूरी कैबिनेट के साथ प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान किया. उन्होंने बताया कि हम सभी लोगों ने संगम में स्नान किया और छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए कामना की. भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा 'जो लोग भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं उनसे उम्मीद नहीं.
![](/newspic/picid-1269750-20250213113415.jpg)
लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ बोर्ड वाली जेपीसी रिपोर्ट पर जमकर हंगामा हुआ. दोनों जगह विपक्षी सांसदों ने खूब हंगामा किया. इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने न्यू इनकम टैक्स बिल पेश किया और स्पीकर ओम बिरला से इसे सदन की प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया. विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को पेश किए जाने के चरण में विरोध किया, लेकिन सदन ने इसे पेश करने के लिए ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर दिया.
![](/newspic/picid-1269750-20250213093701.jpg)
अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है. हाल में भारत समेत कई देशों के घुसपैठियों को उसने बाहर का रास्ता दिखाया. ब्रिटेन भी इसी राह पर है. इस बीच हमारे यहां भी इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल आ सकता है. इसमें अवैध रूप से सीमा पार करने वालों के लिए ज्यादा कड़ी सजाएं होंगी.
![](/newspic/picid-1269750-20250213091930.jpg)
दशकों की गुलामी से आजाद हुआ भारत अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था. ऐसी स्थिति में भारत की उम्मीद भरी नजरें अमेरिका की तरफ थी. 1949 में प्रधानमंत्री नेहरू पहली बार अमेरिका के दौरे पर गए. भारत को आस थी कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क उनकी मदद करेगा लेकिन अमेरिका की ट्रूमैन सरकार को इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी.
![](/newspic/picid-1269750-20250213084148.jpg)
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री का बेटा अपने दोस्तों के साथ चार्टर्ड फ्लाइट (chartered flight) से बैंकॉक (Bangkok) जा रहा था, लेकिन इस बारे में परिजनों को नहीं बताया था. इसके बाद पूर्व मंत्री ने फ्लाइट को आधे रास्ते से ही पुणे वापस बुलवा लिया. इस पूरे मामले में न केवल पुलिस बल्कि एविएशन अथॉरिटी तक को शामिल होना पड़ा.