10 महीने, 58 शहर, 200 बैठकें... ऐसे संपन्न हुआ इंडिया का G-20 सम्मेलन, अब अगले साल ब्राजील में मिलेंगे ये नेता
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भारत ने जी 20 का सफल आयोजन कर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. कुल 10 महीने के अंदर देशभर के 60 शहरों में जी20 की 200 से ज्यादा बैठकें हुईं. इसके आखिरी चरण में 9 और 10 सितंबर को सभी राष्ट्र प्रमुख दिल्ली में मिले और वैश्विक मसलों पर मंथन किया और चुनौतियों से एक साथ निपटने का संकल्प लिया. साल 2023 का ये आयोजन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ समाप्त हुआ. सभी ने भारत की अध्यक्षता और मेहमाननवाजी की तारीफ की और शुक्रिया कहा.
नई दिल्ली जी 20 का 18वां समिट ऐतिहासिक हो गया है. भारत ने संयुक्त घोषणा पत्र पर दुनिया के दिग्गजों के बीच ना सिर्फ सहमति पर बनवाई, बल्कि पुराने साझेदार रूस से दोस्ती भी निभाई और यूक्रेन युद्ध में रूस के नाम का जिक्र तक नहीं होने दिया. इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. भारत ने जी-20 के बहाने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया. देशभर में कुल 10 महीने में 58 शहरों में ताबड़तोड़ 200 से ज्यादा बैठकें की गईं और दुनियाभर से जुड़े हर विषयों पर चर्चा, सुझाव और प्रस्ताव लिए गए.
भारत को नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली शहर में जी 20 की प्रेसीडेंसी सौंपी गई थी. तब पीएम मोदी ने इसे भारत के लिए गर्व की बात बताया था और कहा था, भारत की जी20 अध्यक्षता एक्शन ओरिएंटेड होगी. भारत को जी20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी ऐसे समय पर सौंपी गई थी, जब पूरा विश्व आर्थिक चुनौतियों, जियो पॉलिटिक्स संघर्ष और कोरोना जैसी महामारी से उबर नहीं पाया है. ऐसे वक्त में पूरा विश्व जी20 की ओर उम्मीदों की नजरों से देख रहा है. भारत ने इस समिट के जरिए दुनिया की आशाओं को नए पंख भी दिए और युद्ध की बजाय शांति-सौहार्द्र का संदेश दिया.
'भारत में यह लोगों का जी 20 बन गया'
पीएम मोदी ने कहा, भारत की जी20 अध्यक्षता देश के भीतर और देश के बाहर समावेशी और सबका साथ का प्रतीक बन गई है. उन्होंने कहा, करोड़ों लोग जी20 से जुड़े हैं और भारत में यह लोगों का जी 20 बन गया. 10 महीने में देश के 60 शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं हैं.
भारत ने कैसे की पूरी तैयारी?
- भारत में जी 20 को लेकर अलग-अलग बैठकें हुईं. इनमें बिजनेस 20 (B20), कल्चर 20 (C20),एनवायरनमेंट 20 (A20) जैसे विषयों पर बैठकें हुई हैं. इन बैठकों में हर क्षेत्र से जुड़े विषयों को रखा गया. समस्या और समाधानों पर चर्चा की गई. इसके साथ ही सुझाव और प्रस्ताव दिए गए. - भारत ने जी20 की बैठकों और प्राथमिकताओं को देश के हर हिस्से में लेकर गया और प्रेसीडेंसी को अपनी तरह की एक नई परिभाषा दे दी है जिसे अब तक किसी मेजबान ने नहीं किया है. 2022 में इंडोनेशिया में करीब 25 बैठकें हुई थीं, जबकि भारत में 60 स्थानों पर 200 से ज्यादा बैठकें की गईं. इनमें योग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा खास तौर पर खाने का मेन्यू शामिल रहा. - भारत ने टियर टू शहरों में भी जी20 की बैठकें आयोजित करवाईं, जिससे आम लोगों में चर्चा हुई और समिट को लेकर जनमानस को देश के प्रति गौरव का एहसास हुआ. इतना ही नहीं, दुनिया को भी भारत देखने, समझने का मौका मिला. खानपान से लेकर संस्कृति को करीब से देखने को मिला. जिससे दुनिया के सामने भारत की विविधता और विस्तार को प्रदर्शन हुआ.
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