हेमंत सोरेन की जमानत रद्द कराने ED का सुप्रीम कोर्ट जाना उनके लिए नुकसानदेह है या फायदेमंद?
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हेमंत सोरेन झारखंड का मुख्यमंत्री बनकर विधानसभा में बहुमत भी साबित कर चुके हैं, और अब चुनाव की तैयारियों में भी जुट चुके हैं. JMM नेता के सामने नई चुनौती सुप्रीम कोर्ट में जमानत रद्द करने की ईडी की अपील है - अगर कुछ ऐसा वैसा होता है, तो क्या हेमंत सोरेन की राजनीति पर कितना असर पड़ेगा?
जमानत पर छूटते ही हेमंत सोरेन फटाफट मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर से काबिज हो गये. विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद अब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गये हैं. साल के आखिर में झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव होना है.
हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत को रद्द कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हाई कोर्ट से पहले हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी जमानत याचिका पर विचार नहीं किया गया. असल में, हेमंत सोरेन भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह लोकसभा चुनाव के दौरान जमानत चाहते थे. चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल को कैंपेन के लिए अंतरिम जमानत मिली हुई थी, जिसकी मियाद खत्म होते ही AAP नेता ने सरेंडर कर दिया था.
सोरेन और केजरीवाल के मामलों में ED का स्टैंड अलग अलग क्यों?
सुप्रीम कोर्ट से ईडी ने कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश अवैध है, और अदालत की टिप्पणी भी एकतरफा है. ये करीब करीब वैसा ही है जैसे अरविंद केजरीवाल के केस में ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील थी. ईडी ने हाई कोर्ट की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है, जिसमें अदालत ने कहा है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता.
प्रवर्तन निदेशालय की नजर से देखें तो हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल दोनो के एक जैसे मामलों में आरोपी होने के बावजूद जांच एजेंसी का रवैया दोनो मामलों में बिलकुल अलग नजर आता है. हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी सुप्रीम कोर्ट जाती तो है, लेकिन कब? जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बन जाते हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल के जेल से छूटने के पहले ही ईडी हाई कोर्ट पहुंच जाती है.
हेमंत सोरेन की राजनीतिक सेहत पर कोई भी असर तो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ही आएगा, लेकिन एक जैसे दो मामलों में ईडी की तत्परता भी सवालों के घेरे में आ गई है - जिससे हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा नेताओं के आरोप सिर्फ राजनीतिक नहीं लगता, ठीक वैसे ही जैसे ईडी के बाद अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के गिरफ्तार करने पर सुनीता केजरीवाल के इल्जाम लगते हैं.
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अमेरिका ने 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया है. ये सभी अमेरिकी एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से अमृतसर पहुंचे. इनमें हरियाणा और गुजरात के 33-33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र और यूपी के 3-3, तथा चंडीगढ़ के 2 नागरिक शामिल हैं. अधिकांश को यूएस-मेक्सिको सीमा पर पकड़ा गया था. ये लोग डंकी रूट से अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. एयरपोर्ट पर इनका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया गया क्योंकि इनके पास पासपोर्ट या वीज़ा नहीं थे.
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