'हिंदू कार्ड' दिलाएगा डॉनाल्ड ट्रंप को जीत? जानें- बांग्लादेश में हिंदुओं पर कैसे फूट रहा 'कट्टरता बम'
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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू डरे हुए हैं. और ये डर इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार में खुद को ताकतवर महसूस कर रहे मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. 28 अक्टूबर को फरीदपुर में हिंदू छात्र हृदय पाल को सेना के ही कुछ जवानों और कट्टरता की आंधी में आंख बंद करके चलने वाली भीड़ के हाथों मारने की कोशिश करना इकलौती घटना अभी बांग्लादेश की नहीं है.
अमेरिका में इस बार के चुनाव में भारत, भारतीय और भारतीयता को लेकर भी बड़ी चुनावी जंग चल रही है. एक तरफ कमला हैरिस खुद को भारतीय मूल की अमेरिकन बताकर वोटर्स को लुभाने की कोशिश की है तो दूसरी ओर ट्रंप ने हिंदुओं का नाम लेकर नया ट्रंप कार्ड चला है. पहली बार डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में खुलकर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की बात कही है और वो भी अमेरिका से लेकर बांग्लादेश तक का सवाल उठाया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों पर बर्बर हिंसा और लूट की सख्त निंदा की है. साथ ही कहा है कि कमला हैरिस और जो बाइडेन ने पूरी दुनिया और अमेरिका में हिंदुओं को नजरअंदाज किया है जो कि ट्रंप कभी नहीं करेंगे. वे अमेरिकन हिंदुओं समेत पूरे विश्व में हिंदुओं की रक्षा करेंगे. ट्रंप के इस बयान को लेकर इस्कॉन ने भी तारीफ की है और धन्यवाद दिया है.
दरअसल, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू डरे हुए हैं. और ये डर इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार में खुद को ताकतवर महसूस कर रहे मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. 28 अक्टूबर को फरीदपुर में हिंदू छात्र हृदय पाल को सेना के ही कुछ जवानों और कट्टरता की आंधी में आंख बंद करके चलने वाली भीड़ के हाथों मारने की कोशिश करना इकलौती घटना अभी बांग्लादेश की नहीं है. इससे पहले सितंबर महीने में 16 साल के हिंदू छात्र उत्सव मंडल को भी मजहब के नाम पर उन्माद चलाने वालों ने छल करके ईश निंदा के झूठे आरोप में फंसाया और पुलिस-सेना की मौजूदगी में पीटकर मार दिया.
इससे पहले चांदपुर जिले में गोविंद नाम के हिंदू नागरिक को भी एक साजिश के तहत ही फंसाकर उसके घर पर हमला भीड़ ने किया. गोविंद पर भी पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का झूठा आरोप लगाया गया. ये साजिश रचने के लिए बांग्लादेश में एक प्लान वाला पैटर्न दिखता है, जहां पहले कट्टरपंथी ग्रुप चुनकर कुछ हिंदू नागरिकों के नाम पर फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाते हैं, फिर उन आईडी से जानबूझकर इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए पोस्ट की जाती है. और फिर उसी पोस्ट को वायरल करके भीड़ को उकसाकर निर्दोष हिंदू नागरिक पर हमला करा दिया जाता है.
हिंदुओं को सरकारी नौकरियों से निकाला जा रहा
हिंसा के साथ ही बांग्लादेश के हिंदुओं के पेट पर भी वार हो रहा है. हिंदू अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों से निकाला जा रहा है या फिर उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया जा रहा है. ताजा मामला बांग्लादेश के चटगांव विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर रोंटू दास का है, जिन्हें मारने की धमकी देकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में पुलिस की ट्रेनिंग ले रहे हिंदू कैडेट की नौकरी पर भी खतरा है.