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हवा में ब्रह्मोस, समुद्र में स्कॉर्पीन और बीच में राफेल-M! भारत ने बनाई ड्रैगन को घेरने की पूरी रणनीति
Zee News
भारत और चीन के रिश्ते कुछ खास नहीं रहे. ऐसे में भारत खुद को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा ही खुद को मजबूत रखता आया है, लेकिन अब भारत हमला करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हो चुका है.
नई दिल्ली: भारत के अपने पड़ोसी मुल्क चीन के संबंध कभी बहुत अच्छे नहीं रहे. दोनों ही देश एक-दूसरे से अपनी सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाते रहते हैं. चीन के बढ़ते प्रभाव और उसकी आधुनिक सेना का जवाब देने के लिए अब भारत भी कमर कस चुका है. दरअसल, भारत, फ्रांस से 26 राफेल मरीन फाइटर जेट और तीन स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बियां खरीदने की योजना बना रहा है.

Who is better in nuclear power, India or Pakistan?: 1968 में परमाणु अप्रसार संधि की स्थापना के बाद 1974 में पहली बार शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण करने के बाद भारत ने परमाणु हथियारों की दौड़ में प्रवेश किया. भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि भारत ने दावा किया कि यह उनके प्रति भेदभावपूर्ण है.

Airborne Megawatt Laser Weapon: DRDO ने एक ऐसा लेजर वेपन बनाने का फैसला किया है, जिसे लड़ाकू विमानों में फिट किया जा सकेगा और ये बैलिस्टिक मिसाइलों को तबाह करने की ताकत रखेगा. चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ते खतरे को देखते हुए ये वेपन बनाया जाएगा. DRDO ने हाल ही में कई सारे लेजर वेपन बनाए थे, जो Directed Energy Weapon की फेहरिस्त में भारत का नाम लगातार ऊंचा कर रहे हैं. अब चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ये नया हथियार तैयार किया जा रहा है. इसमें कई सारी खूबियां भी होने वाली हैं.