
हर शेयर पर 19 रुपये का डिविडेंट, जोरदार मुनाफे के बाद HDFC बैंक का बड़ा ऐलान
AajTak
शानदार मुनाफा हासिल करने के बाद HDFC बैंक ने अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंट देने का फैसला किया है. इसके लिए रिकॉर्ड डेट भी तय कर दी गई है. गुरुवार को एचडीएफसी बैंक के शेयर तेजी के साथ 1,695.00 रुपये पर क्लोज हुए थे.
HDFC बैंक के शेयरहोल्डर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है. बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के मुनाफे से अपने शेयरधारकों को डिविडेंट (Dividend) देने का ऐलान किया है. मार्च की तिमाही में बैंक को बंपर मुनाफा हुआ है. इस दौरान उसका नेट प्रॉफिट 20.6 फीसदी बढ़कर 12,594.47 करोड़ रुपये हो गया है. हालांकि, दिसंबर की तिमाही के मुकाबले बैंक का मुनाफा घटा है. दिसंबर की तिमाही के दौरान HDFC बैंक का मुनाफा 12,698.32 करोड़ रुपये रहा था. शेयरहोल्डर्स को एक रुपये की फेसवैल्यू वाले हर शेयर के बदले 19 रुपये मिलेंगे. बैंक ने डिविडेंट के लिए रिकॉर्ड डेट 16 मई 2023 तय कर दी है.
पिछले साल भी मिला था डिविडेंट
रेगुलेटरी फाइलिंग में एचडीएफसी बैंक ने कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के मुनाफे में से एक रुपये की फेसवैल्यू वाले प्रत्येक शेयर के बदले 19 रुपये देने का फैसला किया है. डिविडेंट के भुगतान के लिए आगामी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों से मंजूरी ली जाएगी. पिछले वित्त वर्ष 2022 में एचडीएफसी बैंक ने शेयरधारकों को प्रति शेयर 15.50 का शेयर का डिविडेंट दिया था.
क्रेडिट और डिपॉजिट्स में ग्रोथ
एचडीएफसी बैंक को मार्च 2023 की तिमाही में 12047.45 करोड़ रुपये का स्टैंडएलोन नेट प्रॉफिट हुआ है. वहीं, एक साल पहले इसी तिमाही में इसका मुनाफा 10055.18 करोड़ रुपये रहा था. ब्याज से इसकी नेट इनकम वार्षिक आधार पर 23.7 फीसदी उछलकर 23,351.8 करोड़ रुपये हो गई है. बैंक ने क्रेडिट और डिपॉजिट्स के मोर्चे पर भी ठीक-ठाक ग्रोथ हासिल की है. ग्रॉस एडवांसेज के मुकाबले बैंक का ग्रॉस NPS तिमाही आधार पर 1.23 फीसदी घटकर 1.12 फीसदी पर आ गया है.
कुल कितना मुनाफा

साल 2023 में इसे डिफॉल्ट कर दिया गया. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा टैक्स छूट नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप अन्य डिडक्शन का बेनिफिट उठा सकते हैं. सिर्फ सैलरीड ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत एक्स्ट्रा डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.