हर्बल गुलाल बनाकर दूसरों की जिंदगी में रंग भर रहे हैं तिहाड़ जेल के ये कैदी
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तिहाड़ में बने 100 ग्राम हर्बल गुलाल की कीमत 50 रुपये है. वहीं हाथ धोने के लिए एक पीस साबुन की कीमत 50 रुपये है. इसके अलावा इन स्टॉल पर रूम फ्रेशनर, हैंड वॉश और शैम्पू भी सस्ते दाम में मिल जाएगा. ये सभी सामान जेल में बंद कैदी ही बना रहे हैं.
दिल्ली के तिहाड़ में सजा काट रहे कैदी अब दूसरों के जीवन में रंग भर रहे हैं. दरअसल तिहाड़ में बंद कैदी होली त्योहार के लिए हर्बल गुलाल बना रहे हैं. जिसे बाजार में आम लोगों को बेचा जा रहा है. जेल में बंद कैदी अपने इस काम से बेहद खुश हैं. डीजी तिहाड़ संदीप गोयल के मुताबिक जेल नम्बर 5 में आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों का सामान बनाने के लिए फैक्ट्री लगाई गई है. जिसमें जेल के ही कैदी काम करते हैं. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि जेल में बंद सभी कैदी ऐसा कर पा रहे हैं. यह मौका 18 साल से 20 साल के कैदियों को ही दिया जा रहा है. हर्बल गुलाल बनवाने के पीछे मकसद ये है कि वो जेल में रह कर ही मेनस्ट्रीम से जुड़ सकें और जेल में बंद रहने के दौरान कमाई भी कर सकें. ताकि जब वो जेल से बाहर जाएं तो उनके पास अपनी खुद की और अपने परिवार की जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए जेब में पैसे भी हों.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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