
हरियाणा के भरोसे दिल्ली में वाटर सप्लाई, जानें यमुना को कैसे 'जहरीला' बना रहा अमोनिया
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी को जहरीला करने का आरोप लगाया है. ऐसे में जानते हैं कि पानी के लिए हरियाणा पर दिल्ली कितना निर्भर करती है और अमोनिया पानी को कैसे प्रदूषित करता है.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच एक बार फिर 'जल विवाद' शुरू हो गया है. दिल्ली सरकार पहले ही हरियाणा पर पानी की सप्लाई बाधित करने का आरोप लगाती रही है लेकिन अब AAP ने हरियाणा सरकार पर यमुना का पानी जहरीला करने का आरोप लगाया है. पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा की बीजेपी सरकार यमुना के पानी में अमोनिया मिला रही है जिससे दिल्ली में जहरीला पानी आता है. दिल्ली में पानी की जरुरतों को पूरा करने में हरियाणा का सबसे बड़ा रोल है और राजधानी रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल होने वाले पानी के लिए अपने पड़ोसी राज्यों पर पूरी तरह से निर्भर रहती है. ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि दिल्ली और हरियाणा के बीच पानी हमेशा से विवाद का मुद्दा क्यों रहा है.
दिल्ली में कहां से आता है पानी
दिल्ली को पेयजल आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. इनमें हरियाणा सरकार यमुना नदी के जरिए पानी सप्लाई करती है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल से दिल्ली को पानी की सप्लाई करती है. साल 2023 की एक रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता है. इसके अलावा राजधानी में मौजूद कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता है. कुल मिलाकर दिल्ली को 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता है जबकि साल 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन पहुंच चुका है. हालांकि दिल्ली को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है.
हरियाणा मुनक नहर से रोजाना 750 क्यूसेक से ज्यादा पानी दिल्ली भेजता है. यह पानी हैदरपुर, बवाना, नांगलोई और द्वारका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को सप्लाई किया जाता है. दिल्ली को यमुना से 41 फीसदी, गंगा नहर से 27 फीसदी और भाखड़ा-नांगल स्टोरेज से करीब 24 फीसदी पानी मिलता है. यानी दिल्ली अपनी जरूरत का 90 फीसदी पानी बाहर से मंगवाती है. इसका कारण है कि दिल्ली का ग्राउंड वाटर लेवल काफी नीचे जा चुका हैं और यहां मौजूद कुंए लगभग सूख चुके हैं. हरियाणा-यूपी के अलावा भी दिल्ली पानी के लिए हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों पर निर्भर रहती है.
तीन दशक पुराना जल विवाद
दिल्ली हर साल गर्मियों में जल संकट से जूझती है और हर बार हरियाणा पर पानी की सप्लाई रोकने के आरोप लगते रहे हैं. AAP की ओर से पहले भी दिल्ली में पानी के संकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार बताया गया था और पार्टी का आरोप है पानी की सप्लाई की कमी से चलते दिल्ली में चलने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावित होते हैं जिससे यहां जल संकट पैदा होता है. हालांकि हरियाणा सरकार के साथ दिल्ली का जल विवाद नया नहीं है, करीब तीन दशक पहले इसकी शुरुआत हुई थी.

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