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'हमास से जंग खत्म होने के बाद गाजा पर...', अमेरिका ने इजरायल को दी नसीहत
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जापान में जी7 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ब्लिंकन ने दोनों पक्षों के बीच शांति और सुरक्षा की बहाली पर बात की. उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना है कि दोनों पक्षों के बीच स्थाई शांति बहाल करने के लिए कुछ बातों का पालन करना जरूरी है.
इजरायल और हमास के बीच बीते एक हफ्ते से जंग जारी है. दोनों ओर से बड़े पैमाने पर जान एवं माल की हानि हुई है. गाजा मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है. इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल से कहा है कि हमास के साथ युद्ध खत्म हो जाने के बाद वह गाजा पर दोबारा कब्जा नहीं करे.
जापान में जी7 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ब्लिंकन ने दोनों पक्षों के बीच शांति और सुरक्षा की बहाली पर बात की. उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना है कि दोनों पक्षों के बीच स्थाई शांति बहाल करने के लिए कुछ बातों का पालन करना जरूरी है.
ब्लिंकन ने कहा कि मौजूदा स्थिति में और युद्ध के बाद गाजा से फिलिस्तीनी नागरिकों का जबरन विस्थापन रोकना जरूरी है. इसके साथ आतंकवाद या अन्य हमलों के लिए गाजा को प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाए और इजरायल यह सुनिश्चित करे कि हमास के साथ युद्ध खत्म हो जाने के बाद वह गाजा पर दोबारा कब्जा नहीं करेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस ने भी गाजा को लेकर इजरायल को चेतावनी दी है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हम मानते हैं कि इजरायल की सेना द्वारा गाजा पर दोबारा कब्जा करना अच्छा नहीं है. यह इजरायल के लिए अच्छा नहीं है. यह इजरायली लोगों के लिए अच्छा नहीं है.
7 अक्टूबर से जारी है जंग
सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमला कर दिया था. इसके तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था. इन दो हफ्तों की जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो गई है.
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जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात तीखी बहस में बदल गई. ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगाई और कहा कि यूक्रेन के पास कोई विकल्प नहीं है. जेलेंस्की ने रूस के साथ समझौते से इनकार किया, जिससे ट्रंप नाराज हो गए. इस घटना से अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है. देखें Video.
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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि तीखी बहस के बाद ज़ेलेंस्की और ट्रंप अलग-अलग कमरे में चले गए. उसके बाद ट्रंप ने यूक्रेन के लोगों को वहां से जाने के लिए कह दिया. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने इसका विरोध किया और कहा कि वे बातचीत जारी रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया. तयशुदा संयुक्त प्रेस वार्ता भी रद्द कर दी गई. ज़ेलेंस्की अमेरिका से खनिज संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना अपनी ब्लैक एसयूवी से चले गए. इस तरह जेलेंस्की काफी कुछ गंवाकर अमेरिका से रवाना हो गए.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने उन सभी वैश्विक नेताओं के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए Thank you लिखा जिन्होंने यूक्रेन के समर्थन में आवाज उठाई. बता दें कि शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में हुई इस तनावपूर्ण बैठक की शुरुआत तो ट्रंप के इस बयान से हुई थी कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में शांतिदूत के रूप में याद किया जाना चाहते हैं, लेकिन जल्द ही यह बैठक ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस में बदल गई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई. ट्रंप ने जेलेंस्की को बेवकूफ कहा और कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को $350 बिलियन की सहायता दी है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैन्य उपकरणों के बिना यूक्रेन हार जाता. जेलेंस्की ने इसका विरोध किया और कहा कि वे अपने देश की रक्षा कर रहे हैं. देखें Video.