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'हमास के हमले के बारे में पहले से पता था...', इजरायल ने 6 फोटो जर्नलिस्ट पर लगाए ये आरोप
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ऑनेस्टरिपोर्टिंग की रिपोर्ट में छह फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट की पहचान की गई है. जिनके नाम हसन इस्लियाह, यूसुफ मसूद, अली महमूद, हातेम अली, मोहम्मद फाक अबू मुस्तफा और यासेर क्यूदिह हैं. ये सभी फोटोजर्नलिस्ट सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के दौरान वहां मौजूद थे. ये फ्रीलांस जर्नलिस्ट रॉयटर्स, द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम कर रहे थे.
सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इस हमले के बाद इजरायल और हमास की जंग ने भयावह रूप ले लिया. इस दौरान बड़ी संख्या में दोनों ओर से लोग मारे गए हैं. लेकिन इजरायल की एक डिप्लोमैट के गंभीर आरोपों ने एक नई बहस छेड़ दी है.
कनाडा में इजरायल की डिप्लोमैट ने ग्लोबल न्यूज एजेंसियों और बड़े मीडिया हाउसेज के लिए काम कर रहे गाजा के फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने दावा किया कि गाजा के इन फोटोजर्नलिस्ट्स को सात अक्टूबर के हमास हमले की पहले से जानकारी थी. इस हमले में हमास ने 1400 इजरायलियों की हत्या कर दी थी और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था.
टोरंटो में इजरायल की कॉन्सुल जनरल इदित शमीर (Idit Shamir) ने इजरायल के एक मीडिया वॉचडॉग ऑनेस्टरिपोर्टिंग (HonestReporting) की एक रिपोर्ट शेयर करते हुए कहा कि जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल की सीमा पर हमला किया. उस समय ये फोटोजर्नलिस्ट वहां पहले से मौजूद थे. इससे यह संदेह बढ़ता है कि इन पत्रकारों को सात अक्टूबर के हमले की पहले से ही जानकारी थी.
इदित शमीर ने गाजा के इन दो फ्रीलांस पत्रकारों की तस्वीरें भी शेयर की हैं. ये पत्रकार गाजा बॉर्डर पर हमास के हमले को कवर कर रहे थे. इनमें से एक तस्वीर में गाजा के स्थानीय पत्रकार हसन इस्लियाह (Hasan Eslaiah) को हमास चीफ याहया सिनवार (Yahya Sinwar) किस करते देखे जा सकते हैं.
बता दें कि ऑनेस्टरिपोर्टिंग की रिपोर्ट में छह फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट की पहचान की गई है. जिनके नाम हसन इस्लियाह, यूसुफ मसूद, अली महमूद, हातेम अली, मोहम्मद फाक अबू मुस्तफा और यासेर क्यूदिह हैं. ये सभी फोटोजर्नलिस्ट सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के दौरान वहां मौजूद थे. ये फ्रीलांस जर्नलिस्ट रॉयटर्स, द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम कर रहे थे. इन्होंने सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों द्वारा इजरायली टैंक को जलाने, इजरायलियों को बंधक बनाने और शवों को ले जाती तस्वीरें भी खींची थी.
इससे पहले सोशल मीडिया पर इन फ्रीलांस पत्रकारों की तस्वीरों वाली सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गई थीं, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया. इन तस्वीरों में हसन इस्लियाह को उस इजरायली टैंक के सामने खड़े देखा जा सकता है, जिसे हमास ने जब्त कर लिया था. उन्हें प्रेस की बुलेटप्रूफ वेस्ट और हेलमेट के बिना रिपोर्टिंग करते देखा जा सकता है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.