
'हमारी कीमत पर नहीं...', PM मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर पाकिस्तान में हलचल
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प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में अहम है. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच बड़े रक्षा समझौते होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे को पाकिस्तान के अखबारों ने भी प्रमुखता से जगह दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे को भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के मीडिया ने भी प्रमुखता से जगह दी है. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट 'डॉन' ने रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के इंटरव्यू के हवाले से लिखा है कि भारत और अमेरिका अपने संबंध बेहतर कर रहे हैं उससे पाकिस्तान को कोई समस्या नहीं है. बशर्ते कि यह पाकिस्तान की कीमत पर न हो.
इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच संभावित रक्षा डील को लेकर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा है कि अमेरिका और भारत की रक्षा साझेदारी से साउथ एशिया में अस्थिरता बढ़ेगी और हथियार जुटाने की होड़ लगेगी.
अमेरिकी कांग्रेस में पीएम मोदी का संबोधन आश्चर्यजनकः डॉ मूनिस अहमर
कराची विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व डीन डॉ मूनिस अहमर ने पाकिस्तानी मीडिया 'द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून' में लिखा है, "भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे. यह दूसरी बार होगा जब मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे. यह आश्चर्यजनक है कि अमेरिका ने जिस व्यक्ति को 2005 में गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में भूमिका को लेकर वीजा देने से इनकार कर दिया था, वह व्यक्ति दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेगा."
उन्होंने आगे लिखा है, "भारत में आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा अपनी वैश्विक साख को मजबूत करके तीसरी बार सत्ता में आने की पूरी कोशिश है. भारत अब SCO और G-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है. ये सारी बातें नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान का प्रतीक है.
चीन का मुकाबला करना मुख्य मकसदः पाकिस्तान टुडे

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.