
हमले से डरे चीनी, पाकिस्तान छोड़कर भागे कई नागरिक
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का कहना है कि चीन, पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को नुकसान पहुंचाने के किसी भी तरह के प्रयासों को स्वीकार नहीं किया जाएगा. पिछले महीने कराची में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें तीन चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान की कराची यूनिवर्सिटी में पिछले महीने हुए आत्मघाती बम हमले के बाद से देश में रह रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा चर्चा में है.
इस हमले में यूनिवर्सिटी के तीन चीनी शिक्षकों की मौत हो गई थी.
चीन सरकार ने पाकिस्तान में रह रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को वरीयता देते हुए वहां से अपने सभी शिक्षकों को वापस बुलाने का फरमान जारी किया था, जिसके बाद से चीनी नागरिकों के देश लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है.
रिपोर्टों के मुताबिक, कराची यूनिवर्सिटी में हुए हमले के बाद से बड़ी संख्या में पाकिस्तान में चीन, पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं के लिए काम कर रहे चीनी के वर्कर्स देश लौट रहे हैं.
कराची यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में मंदारिन भाषा पढ़ा रहे चीनी नागरिकों ने चीन सरकार के बुलावे पर देश लौटना शुरू कर दिया है.
चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान सिर्फ प्रमुख परियोजनाओं की ही सुरक्षा को तरजीह दे रहा है जबकि कराची यूनिवर्सिटी जैसे छोटे संस्थानों में काम कर रहे चीनी नागरिक सॉफ्ट टारगेट हैं.

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