'स्मृति ईरानी या उनकी बेटी रेस्टोरेंट की मालिक नहीं', गोवा बार विवाद पर HC की टिप्पणी
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गोवा रेस्टोरेंट बार पर विवाद के बीच हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी उस रेस्टोरेंट की मालिक नहीं हैं. ना ही उन्होंने कभी उस रेस्टोरेंट के संबंध में किसी लाइसेंस के लिए अप्लाई किया.
गोवा रेस्टोरेंट बार (Goa restaurant row) पर विवाद के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की थी. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी (Zoish Irani) उस रेस्टोरेंट की मालिक नहीं हैं. ना ही उन्होंने कभी उस रेस्टोरेंट के संबंध में किसी लाइसेंस के लिए अप्लाई किया. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुक्रवार (29 जुलाई) को हुई थी, जिसका डिटेल ऑर्डर अब सामने आया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में यह टिप्पणी जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने की. उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को समन भेजा है. यह समन स्मृति ईरानी की तरफ से दायर मानहानि के मुकदमे पर भेजा गया है. ईरानी ने 2 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस इन नेताओं को भेजा है. कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आदेश दिया था कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा स्मृति ईरानी की बेटी से जुड़ा ट्वीट तुरंत डिलीट करें.
हाईकोर्ट ने कहा- रेस्टोरेंट या जमीन स्मृति ईरानी की नहीं
हाईकोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ना ही गोवा का वह रेस्टोरेंट और ना उसकी जमीन स्मृति ईरानी या उनकी बेटी की है.
कोर्ट ने आगे कहा कि बचाव पक्ष (कांग्रेस के तीनों नेता) के लोगों ने अन्य कुछ लोगों के साथ मिलकर झूठी बातें कहीं. साथ ही साथ स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर निजी हमले भी किए. दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि ऐसा करके स्मृति ईरानी की छवि को धूमिल करने का काम किया गया. दिल्ली हाईकोर्ट के मुताबिक, असली तथ्यों का पता किये बिना बड़े आरोप लगा दिये गए थे, जिसकी वजह से स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचा.
स्मृति ईरानी द्वारा दाखिल सिविल मानहानि के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम नरेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी कर अगली सुनवाई में जवाब के साथ हाजिर होने का कहा है. मानहानि का सिविल सूट होने की वजह से समन भी जारी किया गया है. अगली सुनवाई अब 18 अगस्त को होनी है.
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