स्कॉटलैंड में उच्चायुक्त से बदसलूकी पर भारत नाराज, एक संदिग्ध की हुई पहचान
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लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने दूत की यात्रा को जानबूझकर बाधित किया. उनमें से एक ने वरिष्ठ राजनयिकों के गुरुद्वारे में पहुंचने पर राजनयिक व्हीकल को हिंसक तरीके से खोलने का भी प्रयास किया. भारतीय दूत और भारत के महावाणिज्यदूत (सीजी) बिना बहस किए ही मौके से जाना ही ठीक समझा.
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरवाईस्वामी को खालिस्तानी चरमपंथियों ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में स्थित एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया. भारत ने इस घटना को 'अपमानजनक' बताते हुए ब्रिटिश सरकार को घटना की जानकारी दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. भारत ने ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और पुलिस के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है.
शुक्रवार को विक्रम दोरवाईस्वामी ने ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की समिति के साथ बैठक की योजना बनाई थी. हालांकि, कुछ कट्टरपंथी ब्रिटिश सिखों ने उन्हें यह कहते हुए गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया कि यहां उनका "स्वागत नहीं है".
बिना बहस किए ही परिसर से चले गए भारतीय राजदूत लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने दूत की यात्रा को जानबूझकर बाधित किया. उनमें से एक ने वरिष्ठ राजनयिकों के गुरुद्वारे में पहुंचने पर राजनयिक व्हीकल को हिंसक तरीके से खोलने का भी प्रयास किया. भारतीय दूत और भारत के महावाणिज्यदूत (सीजी) बिना बहस किए ही मौके से जाना ही ठीक समझा. सामने आया है कि सिख कट्टरपंथियों ने इस दौरान धमकियां दी और अपशब्दों का भी प्रयोग किया.
बदसलूकी करने वाले एक व्यक्ति की हुई पहचान
स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ जिन तीन लोगों ने बुरा व्यवहार किया, उनमें से एक की तस्वीर और उसके बारे में जानकारी सामने आ गई है. इस सिख चरमपंथी की पहचान शमसेर सिंह खालसा के तौर पर हुआ है. वह पश्चिमी लंदन का रहने वाला हैं और ब्रिटिश है. साल 2018 में यह 23 जनवरी से 30 जनवरी के बीच कनाडा आया था.असामाजिक तत्वों ने धमकाया 29 सितंबर, 2023 को, तीन लोगों जो कि स्कॉटलैंड के बाहर के थे, उन्होंने कम्युनिटी के लिए गुरुद्वारा समिति, उच्चायुक्त (एचसी) और भारत के महावाणिज्य दूत (सीजी) द्वारा आयोजित एक बातचीत को भी बाधित किया. उच्चायोग ने कहा कि, "यह बातचीत समुदाय और कांसुलर मुद्दों पर चर्चा के लिए होनी थी. आयोजकों में वरिष्ठ समुदाय के नेता, महिलाएं और समिति के सदस्य और स्कॉटिश संसद के सदस्य शामिल थे. असामाजिक तत्वों ने उन्हें धमकाया और दुर्व्यवहार किया गया. किसी भी संभावित विवाद को रोकने के प्रयास में , एचसी और सीजी ने इस व्यवहार के तुरंत बाद परिसर छोड़ दिया.
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