सोरेन, सिसोदिया और कविता... केजरीवाल की जमानत से इन नेताओं के लिए खुलेगा राहत का रास्ता?
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कानून के जानकारों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल को 'असाधारण परिस्थितियों' के हवाले से सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. अव्वल तो अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय दल के राष्ट्रीय संयोजक हैं और दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. केजरीवाल 1 जून तक जमानत पर रहेंगे और 2 तारीख को उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना होगा. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या केजरीवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर के कविता, हेमंत सोरेन और अन्य नेता राहत पा सकते हैं?
कानून के जानकारों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल को 'असाधारण परिस्थितियों' के हवाले से सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. अव्वल तो अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय दल के राष्ट्रीय संयोजक हैं और दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं.
कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए क्या कहा?
कोर्ट ने देश की लोकसभा के लिए हो रहे आम चुनाव को अगले पांच साल का भविष्य माना है क्योंकि जनता अगली सरकार चुनती है. इसके लिए आवश्यक है कि उसे सभी दलों की नीतियों और संभावित जनहित कार्यक्रमों और योजनाओं का पता रहे. तब वोटर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट दें. आम चुनाव में किसी राष्ट्रीय नेता का अपने दल की नीतियों और उम्मीदवारों के बारे में आम मतदाता को बताने का अधिकार है.
अन्य नेताओं को राहत मिलने की उम्मीद बेहद कम
हालांकि केजरीवाल के इस खास खांचे में न तो के कविता और ना ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ना ही आप के कोई भी नेता फिट बैठते हैं. लिहाजा यह तो तय है कि ये आरोपी अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का हवाला तो देंगे लेकिन इसके आधार पर उन्हें राहत मिलने की संभावना बहुत कम दिख रही है.
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