'सैन्य संघर्ष के लिए तैयार रहे चीन', जयशंकर के किस बयान पर भड़के चीनी एक्सपर्ट? दे डाली ऐसी चेतावनी
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने हालिया इंटरव्यू में चीन के साथ सीमा विवाद पर बोलते हुए कहा कि पड़ोसी देश के साथ सामान्य रिश्ते तभी संभव हैं जब सीमा पर शांति कायम होगी. इसी दौरान उन्होंने पेट्रोलिंग के अधिकार की बात की जिस पर चीनी के रक्षा विशेषज्ञ भड़क गए हैं. उनका कहना है कि यह चीन की संप्रभुता का उल्लंघन है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की एक टिप्पणी से चीन के रक्षा विशेषज्ञ भड़क गए हैं. विदेश मंत्री ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंध सीमा पर शांति से ही संभव है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ जिन मुद्दों का विवाद अभी सुलझा नहीं है, वे मुख्य रूप से पेट्रोलिंग (गश्ती) के अधिकार और क्षमताओं को लेकर हैं. पेट्रोलिंग को लेकर जयशंकर के इस बयान पर चीन के सीमा मामलों के जानकारों और रक्षा विशेषज्ञों ने कड़ी आपत्ति जताई है.
चीनी एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी कि जयशंकर की टिप्पणी भारत-चीन के बीच विवादित क्षेत्रों को भारत का हिस्सा बता रही है जो कि चीनी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के पीटीआई को दिए इंटरव्यू को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें उन्होंने कहा था कि सीमा विवादों का निपटारा दोनों देशों के सामान्य रिश्तों की नींव तैयार करेगा.
इस इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूजवीक मैगजीन को दिए इंटरव्यू का जिक्र किया जिसमें पीएम ने कहा था कि केवल भारत-चीन रिश्तों के लिए नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए सीमा विवाद का तुरंत निपटारा बेहद जरूरी है.
'चीन को पता होना चाहिए कि...'
इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने कहा, 'आज चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं है क्योंकि सीमा पर शांति में बाधा आई है. इसलिए पीएम मोदी कह रहे थे कि चीन को इस बात का पता होना चाहिए कि वर्तमान स्थिति उसके हित में नहीं है.'
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