
सऊदी अरब और तुर्की ने दिया भारत को बड़ा झटका? PAK हुआ खुश
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G-20 Meeting: सऊदी और तुर्की जी-20 की श्रीनगर में होने वाली बैठक में संभवत: हिस्सा नहीं लेंगे. दोनों देशों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है जिसे भारत के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. पाकिस्तान भी चाहता था कि सऊदी और तुर्की जी-20 बैठक में हिस्सा न लें.
G-20 Summit 2023: जम्मू-कश्मीर में तीन दिवसीय टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक सोमवार से शुरू हो गई है. बैठक में 25 देशों के 150 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन जी-20 के अहम सदस्य पाकिस्तान के करीबी दोस्त तुर्की और सऊदी अरब कश्मीर में आयोजित बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. पाकिस्तान के करीबी चीन ने भी इस बैठक से दूरी बना ली है. पाकिस्तानी मीडिया में भी इस बात को लेकर खुशी जताई जा रही है कि सऊदी अरब और तुर्की ने इस बैठक से किनारा कर लिया है. पाकिस्तान की सरकार पिछले कई दिनों से मुस्लिम देशों से कश्मीर में होने वाली जी-20 की बैठक का बहिष्कार करने की अपील कर रही थी.
क्या यह भारत के लिए झटका है?
कश्मीर में आयोजित बैठक में सऊदी अरब और तुर्की का शामिल न होना भारत के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित कर भारत दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि यह भारत का अभिन्न अंग है. साथ ही भारत इसके जरिए कश्मीर के पर्यटन को आगे बढ़ाना चाहता है.
अधिकारियों का कहना है कि दुनिया के सबसे ताकतवर क्लब जी-20 के सदस्य देशों की भागीदारी को भारत के रुख के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है.
भारत ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. भारत के इस कदम पर पाकिस्तान भड़क गया था और उसने भारत से अपने व्यापारिक संबंध खत्म कर लिए थे. पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को भी सीमित कर दिया था. पाकिस्तान को अपना समर्थन देते हुए तुर्की ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर भारत की आलोचना की थी. हालांकि, सऊदी अरब ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर बहुत कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी थी. ऐसे में, सऊदी अरब का जी-20 की कश्मीर में हो रही बैठक से नदारद रहना कई सवाल खड़े कर रहा है.
कश्मीर को लेकर तुर्की का आलोचनात्मक रुख

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