
श्रीलंका: आतंकी हमले में पूर्व राष्ट्रपति को कोर्ट ने माना संदिग्ध, हुई थी 270 मौतें
AajTak
ईस्टर हमले की बात करें तो 21 अप्रैल 2019 को नेशनल तवाहीद जमात (एनटीजेड) के 9 सुसाइड बॉम्बर ने सिलसिलेवार तरीकेसे तीन चर्च और कई होटलों पर हमला किया था. उन आतंकी हमलों में 270 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.
2019 के ईस्टर आतंकी हमले में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना को कोर्ट ने संदिग्ध माना है. उस आतंकी हमले में 270 लोगों की मौत हो गई थी. सिरीसेना पर आरोप लगा है कि उन्होंने इंटेलिजेंस की तमाम रिपोर्ट्स को नजरअंदाज कर दिया था, उसी वजह से आतंकियों ने वो हमले किए और कई मासूमों की जान चली गई. इस मामले में अब 14 अक्टूबर को पूर्व राष्ट्रपति को कोर्ट में फिर पेश होना है.
जानकारी के लिए बता दें कि ईस्टर मामले की जांच कर रही एक पैनल ने सिरीसेना को इस हमले के लिए जिम्मेदार माना था. कैथोलिक चर्च और मृतकों/पीड़ितों के रिश्तेदारों के दबाव में उस पैनल का गठन किया गया था और फिर उसी पैनल ने सिरीसेना के खिलाफ वो फैसला सुनाया. ये अलग बात रही कि पूर्व राष्ट्रपति लगातार उन दावों को खारिज करते रहे. अभी के लिए श्रीलंका के कोर्ट ने ईस्टर बम ब्लास्ट मामले में सिरीसेना को एक संदिग्ध मान लिया है. उन पर इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स पर ध्यान ना देने का गंभीर आरोप लगा है.
ईस्टर हमले की बात करें तो 21 अप्रैल 2019 को नेशनल तवाहीद जमात (एनटीजेड) के 9 सुसाइड बॉम्बर ने सिलसिलेवार तरीके से तीन चर्च और कई होटलों पर हमला किया था. उन आतंकी हमलों में 270 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.