
शी जिनपिंग बने चीनी राजनीति के इतिहास पुरुष, जानिए इसका दुनिया पर असर
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चीन लोकतांत्रिक देश नहीं हैं, हालांकि बीते दशकों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर से नया नेतृत्व जरूर पैदा होता रहा है लेकिन शी जिनपिंग के कार्यकाल में अब ये आजादी भी छिन गई. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी 19वीं सेंट्रल कमिटी के छठे अधिवेशन में एक तरह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बागडोर शी जिनपिंग के हाथों में आजीवन सौंप दी है. इसी के साथ शी जिनपिंग, 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की नींव रखने वाले माओत्से तुंग यानी माओ जेदांग और चीन में आर्थिक सुधार की शुरुआत करने वाले देंग शियाओपिंग के बराबर, या उनसे भी अधिक ताकतवर बना दिए गए हैं. शी जिनपिंग को मिली असीमित शक्तियां चीन के भीतर और चीन के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक समीकरणों में बदलाव ला सकती हैं. ये दुनिया के लिए एक चिंता की बात है. देखें ये वीडियो.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.