
शहबाज शरीफ ने खुद करा ली पूरी दुनिया के सामने अपनी किरकिरी, हुए शर्मिंदा
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विदेशी कर्ज के तले दबा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बार-बार कर्ज की अगली किस्त जारी करने की गुजारिश कर रहा है. पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने इसे लेकर IMF प्रमुख से फोन पर बात भी की है. अब इस बातचीत को लेकर ही विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि शरीफ ने फोन कॉल को लेकर झूठे दावे कर दिए हैं.
पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर है लेकिन अब भी वो अपने बड़बोलेपन और ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. अपनी डूबती नैया बचाने के लिए वो जिस अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का मुंह ताक रहा है, उसी के साथ उसने राजनीति करनी शुरू कर दी है. पाकिस्तानी पीएम ने हाल ही में कहा कि आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने फोन कर उनसे आर्थिक स्थिति पर बात की. लेकिन अब आईएमएफ की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान का ये दावा झूठा है, बल्कि खुद पीएम शरीफ ने आईएमएफ प्रमुख से फोन पर बातचीत का अनुरोध किया था.
क्या कहा IMF ने?
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने रविवार को कहा कि क्रिस्टलिना जॉर्जीवा और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच कॉल पर बातचीत पीएम के अनुरोध पर हुई. IMF के रेजिडेंट प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज ने कहा, 'फोन पर ये बातचीत पाकिस्तान की खराब स्थिति पर होनेवाले जेनेवा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पर चर्चा के लिए हुई. कॉल का अनुरोध पाकिस्तानी पीएम ने किया था.'
पाकिस्तानी पीएम के दावे गलत साबित हुए
शुक्रवार को हजारा इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (HAZECO) के उद्घाटन समारोह में पीएम शरीफ ने अपने भाषण के दौरान दावा किया था कि IMF प्रमुख ने उनसे संपर्क किया था. इसके बाद पीएम कार्यालय की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'IMF प्रमुख ने पीएम शहबाज शरीफ को फोन किया था.
पीएम ने शुक्रवार को ये भी दावा किया था कि आईएमएफ का एक प्रतिनिधिमंडल दो से तीन दिनों में पाकिस्तान आ जाएगा, जो पाकिस्तान को आपातकालीन लोन की अगली किस्त जारी करने पर समीक्षा वार्ता करेगा.

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