शराब घोटाले के दो आरोपियों को कोर्ट से मिली राहत, रिहाई के आदेश
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सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले के अभियुक्त बिनॉय बाबू को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि अभी तो ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में 13 महीने जेल में रहना लंबा समय है.
आबकारी घोटाले के अभियुक्तों के लिए शुक्रवार का दिन ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक राहत भरा रहा. दो अभियुक्तों अरुण रामचंद्र पिल्लई को राउज एवेन्यू कोर्ट से तो बिनॉय बाबू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली. ये अलग बात है कि दोनों को मिली राहत अलग अलग स्तर की रही. दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को पत्नी के खराब स्वास्थ्य के आधार पर पांच दिन की हिरासत पैरोल पर रिहा किए जाने का आदेश दे दिया.
कोर्ट ने आरोपी की उस अर्जी पर ये राहत दी है जिसमें दावा किया गया था कि उसकी बीमार पत्नी की सर्जरी किए जाने की आवश्यकता है. ईडी ने दावा किया था कि आरोपी बीआरएस पार्टी की एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का करीबी सहयोगी है. पिल्लई शराब घोटाला गिरोह का कथित सरगना भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले के अभियुक्त बिनॉय बाबू को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि अभी तो ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में 13 महीने जेल में रहना लंबा समय है. आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड के कार्यकारी बिनॉय बाबू को 13 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने कहा कि इतने लंबे समय तक जेल में नही रखा जा सकता जबकि मुकदमे का ट्रायल शुरू होने में अभी भी काफी वक्त है.
बिनॉय बाबू सीबीआई के मामले में सरकारी गवाह भी हैं. जबकि ईडी के पास दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वो आरोपी है. पिछली सुनवाई में बाबू के वकील सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा था कि बाबू के पास योग्यता यानी मेरिट के आधार पर नियमित जमानत का अच्छा मामला है. उन्होंने अदालत से उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी. साल्वे ने कहा था कि वह 10 महीने से जेल में है. अब मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.
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