
विदेशों में लीज पर जमीन लेकर खेती क्यों करने जा रहा तुर्की? ये है प्लान
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तुर्की खाद्य संकट को देखते हुए देश के अलावा विदेशों में भी खेती की योजना बना रहा है. दक्षिण अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के कई देशों में तुर्की लीज पर जमीन लेकर वहीं गेहूं, सूरजमुखी आदि की खेती करने जा रहा है. इसे लेकर तुर्की ने वेनेजुएला से बात भी कर ली है.
खाद्यान्नों की बढ़ती कीमतें और गेहूं की वैश्विक किल्लत का तुर्की पर काफी असर पड़ा है. खाद्यान्नों की कमी को पूरा करने के लिए तुर्की अब देश के अलावा विदेशों में भी कृषि की योजना पर काम कर रहा है. तुर्की अपने कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों में खेती की जमीन को लीज पर लेने की योजना बना रहा है. तुर्की के अधिकारी वेनेजुएला और सूडान के अलावा 10 देशों में कृषि के अवसर तलाश रहे हैं.
तुर्की के अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के कृषि और वन्य मंत्री वाहित किरिस्की ने हाल ही में सांसदों के साथ कृषि की इस योजना पर चर्चा की है. किरिस्की ने सांसदों से कहा कि तुर्की में जितना कृषि उत्पादन होता है, उससे उसकी घरेलू जरूरतें ही पूरी हो पाती हैं. तुर्की अधिक कृषि उत्पादन कर विदेशी निर्यात को बढ़ाना चाहता है इसलिए विदेशों में कृषि की ये एक जरूरी योजना है.
उन्होंने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में काफी अधिक कृषि भूमि है और हम वहां आसानी से खेती कर सकते हैं. हम कुछ लैटिन अफ्रीकी देशों पर भी विचार कर रहे हैं.'
मंत्री ने विदेशों में खेती की एक और वजह बताते हुए कहा कि तुर्की के किसान खेती छोड़कर अब बड़े शहरों में बस रहे हैं. इस कारण ग्रामीण इलाकों की खेती में कमी आई है.
'द जनरल डायरेक्टरेट ऑफ एग्रीकल्चरल एंटरप्राइसेस' (TIGEM) विदेशों में खेती की जमीन को लीज पर लेने की परियोजना की देखरेख करेगा.
सूडान में तुर्की की ये योजना नहीं रही है ज्यादा सफल

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