
'वह पहले भारतीय थीं अब अचानक से अश्वेत हो गईं...', कमला हैरिस पर ट्रंप की नस्लीय टिप्पणी
AajTak
ट्रंप ने कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वह जानबूझकर अश्वेत पहचान भुनाने में लगी हैं. ट्रंप ने शिकागो में नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि वह (कमला हैरिस) हमेशा से खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थीं. वह इंडियन हेरिटेज को प्रमोट करती थीं. लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं. वह अश्वेत कब से हो गईं? अब वह चाहती हैं कि उन्हें अश्वेत के तौर पर पहचाना जाए.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब बस चंद महीने रह गए हैं. इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस दोनों ने कमर कस ली है. आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला भी चरम पर पहुंच गया है. लेकिन इस बीच ट्रंप ने कमला हैरिस की नस्लीय पहचान को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.
ट्रंप ने कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वह जानबूझकर अश्वेत पहचान भुनाने में लगी हैं. ट्रंप ने शिकागो में नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि वह (कमला हैरिस) हमेशा से खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थीं. वह इंडियन हेरिटेज को प्रमोट करती थीं. लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं. वह अश्वेत कब से हो गईं? अब वह चाहती हैं कि उन्हें अश्वेत के तौर पर पहचाना जाए.
ट्रंप ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह भारतीय है या अश्वेत है? मैं भारतीयों और अश्वेतों दोनों का ही सम्मान करता हूं लेकिन मुझे नहीं लगता कि हैरिस के मन में इन्हें लेकर सम्मान की भावना है? क्योंकि वह हमेशा से भारतीय थीं और खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थी लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं.
ट्रंप के बयान पर व्हाइट हाउस का जवाब
ट्रंप के इस बयान की व्हाइट हाउस ने निंदा करते हुए इसे अपमानजनक बताया है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस मामले पर केवल उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ही खुद बोल सकती हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि किसी को यह बताने का अधिकार नहीं है कि वे कौन हैं और उसे कैसे पहचाना जाए. यह किसी का अपना फैसाल है. ट्रंप की टिप्पणी अपमानजनक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह राष्ट्रपति हैं.
कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर क्यों उठे सवाल?

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.