
वर्ल्ड कप जिताने वाले इमरान खान की PCB ने कर दी 'बेइज्जती', भड़का पाकिस्तान
AajTak
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 14 अगस्त को मुल्क के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दो मिनट 20 सेकंड का एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में इमरान खान की क्रिकेट उपलब्धियों को नजरअंदाज कर दिया गया है.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने सोमवार को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. लेकिन आजादी के जश्न के मौके पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की एक हरकत से पाकिस्तानी भड़क गए हैं. लोग सोशल मीडिया पर पीसीबी को जमकर ट्रोल कर रहे हैं.
इस वीडियो में 1952 से लेकर मौजूदा समय तक की क्रिकेट से जुड़ी ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाया गया है. लेकिन इस वीडियो से इमरान खान गायब हैं. यही वजह रही कि पीसीबी को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान को एकमात्र क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में इमरान की अहम भूमिका रही है.
पीसीबी के वीडियो पर बवाल क्यों?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 14 अगस्त को मुल्क के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दो मिनट 20 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था. इस वीडियो में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना सबसे पहले नजर आते हैं. इसके बाद 1952 के बाद के ऐतिहासिक लम्हों को दिखाया गया है. शारजाह में जावेद मियांदाद के ऐतिहासिक छक्के, 1992 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत, 2000 और 2012 के एशिया कप में जीत, 2009 टी-20 वर्ल्ड कप में जीत सहित कई उपलब्धियों को दिखाया गया है. लेकिन इमरान खान इस वीडियो में नजर नहीं आए. खान ने पाकिस्तान को 1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. वह उस समय पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कैप्टन थे.
पीसीबी की इस हरकत से पाकिस्तानी लोगों में गुस्सा हैं. क्योंकि पाकिस्तान ने अभी तक सिर्फ एक बार ही एकदिवसीय क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता है और उसमें इमरान की अहम भूमिका रही है. इमरान खान की भारी भरकम फैन फॉलोइंग हैं. वह पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटर्स में शुमार रहे हैं. इसी वजह से इमरान खान को सम्मान नहीं मिलने से पाकिस्तानी भड़क गए. शेनऑनपीसीबी सोमवार को पाकिस्तान में ट्रेंड करने लगा था.
पीसीबी पर भड़क रहे लोग

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.