'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर क्या है जनता की राय, रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने जारी किया नोटिस
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पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में वन नेशन, वन इलेक्शन विषय पर गठित समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव को लेकर जनता से सुझाव मांगे हैं. हाई लेवल कमेटी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा कि 15 जनवरी तक प्राप्त सुझावों पर विचार किया जाएगा.
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली 'वन नेशन वन इलेक्शन' की हाई लेवल कमेटी ने देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर जनता से सुझाव मांगे हैं. कमेटी ने कहा है कि, "देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए" जनता के सुझाव आमंत्रित हैं. सुझाव समिति की वेबसाइट http://onoe.gov.in पर पोस्ट किए जा सकते हैं या sc-hlc@gov.in पर ई-मेल द्वारा भेजे जा सकते हैं. सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2024 है.
हाई लेवल कमेटी ने जारी किया नोटिस बता दें कि, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में वन नेशन, वन इलेक्शन विषय पर गठित समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव को लेकर जनता से सुझाव मांगे हैं. हाई लेवल कमेटी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा कि 15 जनवरी तक प्राप्त सुझावों पर विचार किया जाएगा. नोटिस में कहा गया है कि सुझाव समिति की वेबसाइट पर दिए जा सकते हैं या ईमेल के जरिए भेजे जा सकते हैं.वन नेशन-वन इलेक्शन में क्या है बाधाएं बता दें कि एक्सपर्ट की राय में, वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए संविधान संशोधन जरूरी होगा. संविधान के अनुच्छेद 83, 172 और 356 के प्रावधानों में संशोधन के बिना लोकसभा और राज्यों का विधानसभा चुनाव एक साथ कराया जाना संभव नहीं है. संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक, अनुच्छेद 83 और 172 में संशोधन करना होगा जिसमें ये कहा गया है कि सदन का कार्यकाल पांच साल का होगा. इनमें ये भी कहा गया है कि इस अवधि के पहले सदन को भंग करना होगा.
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