
लॉकडाउन खत्म करो!: बेकाबू आग में 10 की मौत, बीजिंग में भड़का कोरोना पाबंदियों के खिलाफ विरोध
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोगों को उरुमकी की सड़कों पर एंटी कोविड नीति का विरोध करते हुए दिखाया गया है. प्रोटेस्ट में दावा किया गया कि कोविड-19 के सख्त नियमों के चलते आग में फंसे लोगों के बचाव कार्यों में बाधा हुई.
उत्तर-पश्चिमी चीन के शिंजियांग क्षेत्र में एक इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद से चीन की कोविड नीति के प्रति लोगों का गुस्सा भड़क गया है. बीजिंग कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपनी कठोर नीति को लेकर जनता के गुस्से का सामना कर रहा है. आधी रात को उरुमकी रोड पर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए. ये लोग फूल, मोमबत्तियाँ और "उरुमकी, 24 नवंबर, मरने वालों को शांति मिले" वाले पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. यहां पुलिस ने पेपर स्प्रे का उपयोग कर प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की.
कोरोना लॉकडाउन से विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोगों को उरुमकी की सड़कों पर एंटी कोविड नीति का विरोध करते हुए दिखाया गया है. प्रोटेस्ट में दावा किया गया कि कोविड-19 के सख्त नियमों के चलते आग में फंसे लोगों के बचाव कार्यों में बाधा हुई. इसके अलावा इमारत में मौजूद लोग समय पर बच नहीं सके क्योंकि इमारत आंशिक रूप से बंद थी. बता दें कि उत्तर पश्चिम क्षेत्र की राजधानी उरुमकी में गुरुवार को एक आवासीय इमारत में आग लगने से कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए थे.
आग की घटना के बाद भड़का प्रोटेस्ट
आग की घटना के बाद प्रदर्शनकारियों ने 'लॉकडाउन खत्म करो' के नारे लगाए. गुरुवार को एक घातक आग के बाद लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि लोगों ने आरोप लगाया कि कोविड नियमों के कारण हुई बाधाओं ने आग को बदतर बना दिया और आपातकालीन कर्मचारियों को आग बुझाने में लगभग तीन घंटे लग गए.
'लोगों में खुद को बचाने की क्षमता नहीं थी'

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.