रोज हो रहा है नुकसान... क्या अब रोक दें म्यूचुअल फंड में SIP? आपका भी यही सवाल है, तो जानिए सही जवाब
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Mutual Fund Tips: शेयर बाजार में इस गिरावट के बीच रिटेल निवेशकों में ये सवाल आम हो गया है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश को अभी रोक देना चाहिए, क्योंकि मुनाफा तो हो नहीं रहा है. फिर इस गिरावट में म्यूचुअल चालू रखने का क्या फायदा है?
अब देखा नहीं जा रहा है, भारी नुकसान हो रहा है, सारा प्रॉफिट कुछ महीने में ही साफ हो गया. अब म्यूचुअल फंड में SIP करने से डर लग रहा है. इस तरह के सवाल करने वाले आपको आजकल आसानी से मिल जाएंगे. क्योंकि शेयर बाजार लगातार 4 महीने से गिर रहा है. और बाजार गिरता है तो उसका सीधा असर म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर भी पड़ता है. दरअसल, शेयर बाजार में इस गिरावट के बीच रिटेल निवेशकों में ये सवाल आम हो गया है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश को अभी रोक देना चाहिए, क्योंकि मुनाफा तो हो नहीं रहा है. फिर इस गिरावट में म्यूचुअल चालू रखने का क्या फायदा है? लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें लंबी अवधि के निवेशकों को बिल्कुल नहीं घबराना चाहिए, उन्हें बस जिस लक्ष्य के लिए निवेश शुरू किया है, उसे ध्यान में रखते हुए SIP जारी रखनी चाहिए.
बता दें, म्यूचुअल फंड रोकने की सबसे ज्यादा बात रिटेल निवेशक ही करते हैं. क्योंकि जब तक मुनाफा होता है, उन्हें बहुत अच्छा लगता है. लेकिन जैसे ही पोर्टफोलियो का रंग हरे से लाल में बदलता है, फिर घबराने लगते हैं. जिसके बाद आनन-फानन में या तो बेचकर बाहर निकल लेते हैं, या फिर निवेश को रोक देते हैं.
वित्तीय जानकार हमेशा कहते हैं कि गिरावट के दौर में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) रोकना या फिर उसे बेचकर बाहर निकलना सबसे गलत फैसला होता है. क्योंकि कुछ लोग गिरावट के समय निवेश को रोक देते हैं. क्या आप भी ऐसा करते हैं?
कोरोना संकट एक बड़ा उदाहरण... आपको एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करते हैं... कोरोना महामारी से देश को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ था. उस समय शेयर बाजार (Share Market) में करीब 40 फीसदी गिरावट आई थी. लग रहा था कि सबकुछ तबाह हो जाएगा. इस दौर में घबराकर अधिकतर लोगों ने म्यूचुअल फंड में SIP रोक दी. पोर्टफोलियो में गिरावट देख बहुत ऐसे भी निवेशक थे, जो म्यूचुअल फंड को औने-पौने दाम में बेचकर निकल लिए. ऐसा इसलिए हुआ कि निवेशकों के मन में डर समा गया था कि और गिर गया तो क्या होगा?
लेकिन ये सिक्के का एक हिस्सा था... दूसरा हिस्सा ये है कि कोरोना संकट के दौरान जो निवेशक धैर्य के साथ बने रहे और गिरावट में निवेश को बढ़ाने का काम किया. उनसे आज पूछिए तो पता चलेगा कि उन्हें कितना बड़ा मुनाफा हुआ. जबकि अधिकतर लोग नुकसान उठाकर ही म्यूचुअल फंड से बाहर हो गए. जिनके लिए म्यूचुअल फंड एक घाटे का सौदा साबित हुआ. लेकिन हकीकत ये है कि ऐसे निवेशकों को सही से मार्गदर्शन नहीं हो पाया.
पोर्टफोलियो लाल होने पर क्या करें यही नहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि जब बाजार में गिरावट आए, तब निवेश को बढ़ाने का मौका होता है. बाजार के गिरावट में बेहतर फंड में SIP शुरू भी कर सकते हैं. क्योंकि जैसे ही शेयर बाजार में तेजी आएगी, म्यूचुअल फंड निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा. जब शेयर की कीमत कम रहती है तो म्यूचुअल फंड में निवेश पर ग्राहकों को ज्यादा यूनिट मिलते हैं, जिससे अधिक पैसे बनते हैं.
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