
रूस को लेकर अमेरिका के सामने नहीं झुका भारत, तेल की खरीद में भारी उछाल
AajTak
यूरोपीय संघ के देशों ने रूस के तेल पर आंशिक प्रतिबंध लगाने पर सहमति जताई है. इस बीच एशियाई देशों में रूस के तेल की बिक्री बढ़ रही है. भारत लगातार रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीद रहा है.
यूक्रेन युद्ध के बीच पश्चिमी देश लगातार रूस और उसके तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. इन सबके बीच भारत का पूरा जोर रूस से सस्ता तेल खरीदने पर है. भारत रूस से रिकॉर्ड स्तर पर तेल खरीद रहा है.
बाजार के आंकड़े मुहैया कराने वाली कंपनी रेफिनिटिव के अनुमान के मुताबिक, मई में भारत को रूस का तेल 33.6 लाख मीट्रिक टन हो सकता है. यह 2021 की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक है. मई 2021 में यह 382,500 मीट्रिक टन था.
रेफिनिटिव के मुताबिक, मई में भारत में रूस के कच्चे तेल का आयात 33.6 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है. यह मई 2021 की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक है. मई 2021 में रूस से भारत में तेल का आयात 382,500 मीट्रिक टन था.
रेफिनिटिव के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस से भारत को कुल 48 लाख मीट्रिक टन तेल आयात हुआ है.
पश्चिमी देशों ने रूस के तेल के आयात पर पाबंदी लगाई है. ईयू ने सोमवार को रूस के 90 फीसदी तेल आयात पर पाबंदी लगाने पर सहमति जताई. यह पाबंदी साल के अंत तक लागू होगी.
बता दें कि यूरोप रूस के तेल का सबसे बड़ा खरीदार है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.