
रूस के विजय दिवस से पहले यूक्रेन पहुंचीं अमेरिकी फर्स्ट लेडी और कनाडा के PM, पुतिन को संदेश!
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो रूस के विजय दिवस से ठीक एक दिन पहले बगैर किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अचानक यूक्रेन पहुंच गए. इसे रूस के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है.
यूक्रेन और रूस के बीच जंग भीषण होती जा रही है. 9 मई को विजय दिवस से पहले रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. बढ़ते रूसी हमलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो रविवार को अचानक यूक्रेन पहुंच गए. अमेरिकी फर्स्ट लेडी जिल ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्की से मुलाकात की.
व्हाइट हाउस ने जिल बाइडेन के इस दौरे को अचानक हुआ दौरा बताया है. व्हाइट हाउस के मुताबिक जिल बाइडेन के यूक्रेन जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित नहीं था. जिल बाइडेन ने पश्चिमी यूक्रेन के स्लोवाकिया बॉर्डर के पास स्थित एक गांव उज्होरोड़ में पहुंचकर वहां के स्कूल में ओलेना जेलेंस्की से बात की. अमेरिका और यूक्रेन की फर्स्ट लेडी के बीच मदर्स डे के दिन हुई मुलाकात के दौरान जिल बाइडेन ने ओलेना जेलेंस्की से कहा कि मैं मदर्स डे पर आना चाहती थी.
जिल बाइडेन की प्रेस सेक्रेट्री मिशैल लारोज ने इस मुलाकात की वीडियो जारी की है. रूस के साथ 10 हफ्ते से जारी जंग के बीच जिल बाइडेन ने इस सीक्रेट यूक्रेन दौरे लेकर कहा है कि समाचार एजेंसियों के मुताबिक अमेरिकी फर्स्ट लेडी ने कहा यूक्रेन के लोगों को ये दिखाना महत्वपूर्ण है कि ये युद्ध निर्मम है. ये युद्ध खत्म होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोग यूक्रेन के साथ हैं.
जिल-ओलेना के बीच क्लासरूम में हुई मुलाकात
जिल बाइडेन स्लोवाकिया की सीमा से करीब 10 मिनट का सफर कर सड़क मार्ग से उज्होरोड़ पहुंचीं और करीब दो घंटे तक यूक्रेन में रहीं. दोनों देशों के राष्ट्रपति की पत्नियों की ये मुलाकात एक स्कूल के छोटे से क्लासरूम में हुई. ओलेना जेलेंस्की अपने बच्चे के साथ सुरक्षा की दृष्टि से अज्ञात स्थान पर रह रही हैं. जिल बाइडेन का धन्यवाद करते हुए ओलेना जेलेंस्की ने कहा कि उनका ये कदम साहसी है. ऐसे समय में जब यहां हर दिन सैन्य कार्रवाई हो रही है, एयर सायरन बज रहे हैं, हम समझ रहे हैं कि युद्ध के बीच अमेरिका की फर्स्ट लेडी यहां कैसे आई होंगी.
जिस स्कूल में हुई मुलाकात, वहां लोगों ने ली है शरण

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