![रूस के खिलाफ इस देश के ड्रोन कर रहे यूक्रेन की 'मदद'!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/gettyimages-1235483856-sixteen_nine.jpg)
रूस के खिलाफ इस देश के ड्रोन कर रहे यूक्रेन की 'मदद'!
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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. यूक्रेन इस युद्ध में ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहा है. आइए जानते हैं इन ड्रोन के बारे में कुछ खास बातें.
रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन, तुर्की के बने ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समय यूक्रेन के पास 20 "Bayraktar TB2 drones" हैं. इनका निर्माण तुर्की की मिलिट्री ने किया है. ये सस्ते और कारगर बताए जाते हैं. वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति Recep Tayyip Erdogan ने इसे बेचने के लिए दुनिया भर के 15 देशों के साथ डील भी की थी.
NATO देश जहां यूक्रेन को एंटी टैंक हथियार और मिसाइल भेज रहे हैं. वहीं तुर्की ने यूक्रेन को ड्रोन दिए हैं. वहीं तुर्की की राजधानी अंकारा में मौजूद यूक्रेन के राजदूत भी लगातार इन ड्रोन की तस्वीरें ट्वीट कर रहे हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फॉरेन पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के आरोना स्टेन कहते हैं कि ये TB2 ड्रोन छोटे हैं. वहीं ये यूक्रेन को काफी हौसला दे रहे हैं क्योंकि रूस का अभी आसमान पर नियंत्रण नहीं है. लेकिन स्टेन ने ये भी कहा कि एक प्वाइंट पर आकर यूक्रेन के ड्रोन रूस की वायुसेना के खिलाफ बौने साबित हो जाएंगे. इससे पहले TB2 ड्रोन का उपयोग यूक्रेन ने पहली बार पिछले साल अक्टूबर में किया था.
कब-कब और कहां हुआ तुर्की के ड्रोन का उपयोग वैसे हाल के कुछ वर्षों में दुनिया में जब-जब तनाव की स्थिति पैदा हुई तो तुर्की के ड्रोन का रोल काफी अहम रहा है. नवम्बर 2020 में नागरोनो-करबाख में अजरबेजान की सेना ने अर्मेनिया के खिलाफ इसका उपयोग किया था.
वहीं लीबिया में इसके ठीक एक साल पहले सरकार के खिलाफ बागी कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार ने इन ड्रोन से विपक्ष को नुकसान पहुंचाया था. वहीं खुद तुर्की ने भी कुर्दिश आतंकियों और सीरिया में अपने अभियान में इन ड्रोन का उपयोग किया था.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.