
रूसी तेल पर सख्त हुआ अमेरिका, सऊदी अरब से बढ़ने लगी भारत की खरीद
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रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध कड़े हो गए हैं जिस कारण रूस से तेल की खरीद घट गई है. भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं की तरफ मुड़ रहा है. सऊदी अरब से भारत की तेल खरीद बढ़ रही है.
रूस से तेल खरीद दिसंबर के महीने में 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. रूसी तेल की पेमेंट में दिक्कत आ रही है जिस कारण भारतीय रिफाइनर चाहकर भी रूस से कच्चा तेल नहीं ले पा रहे हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए भारत ने सऊदी अरब से तेल की खरीद बढ़ा दी है. शिप ट्रैकिंग एजेंसियों के आंकड़ों से पता चला है कि भारत के लिए चले रूसी तेल वैरिएंट Sokol से भरे पांच कार्गो अपना रास्ता बदलकर दूसरे स्थानों के लिए जा रहे हैं.
समाचार एजेसी रॉयटर्स को सूत्रों ने पिछले महीने बताया था कि सोकोल तेल से भरे कार्गो इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC.NS) ने मंगाए थे लेकिन पेमेंट दिक्कतों के कारण ओआईसी रूसी तेल नहीं ले पा रहा. इस कमी को पूरा करने के लिए आईओसी अब मध्य-पूर्व के सऊदी अरब जैसे पारंपरिक तेल आपूर्तिकर्ताओं से तेल खरीद बढ़ा रहा है. भारत की शीर्ष सरकारी रिफाइनरी ओआईसी एकमात्र ऐसी सरकारी कंपनी है जो रूस की प्रमुख सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट से वार्षिक तेल समझौते करती है. ओआईसी रोसनेफ्ट से सोकोल सहित रूसी तेल के बाकी तेल वैरिएंट्स भी खरीदती है.
रूस से तेल खरीद घटा, सऊदी से बढ़ा
जहाजों की आवाजाही पर नजर रखने वाली ट्रैकिंग एजेंसियों वोर्टेक्स, केप्लर और एलएसईजी ने जो आंकड़े दिए हैं, उनके मुताबिक, दिसंबर में रूस से भारत के तेल आयात में 16% से 22% के बीच गिरावट आई है. वहीं, केप्लर और वोर्टेक्सा के आंकड़ों से पता चला है कि सऊदी से भारत के तेल आयात में लगभग 4% की बढ़ोतरी हुई है.
एलएसईजी डेटा से पता चलता है कि दिसंबर में भारत का मासिक रूसी तेल आयात 22% घटकर 12.1 लाख मिलियन बैरल प्रति दिन रह गया. वहीं, केप्लर का कहना है कि यह गिरावट 16% हुई है और भारत ने दिसंबर में रूस से प्रतिदिन 13.9 लाख बैरल तेल खरीदा.
केप्लर के प्रमुख क्रूड विश्लेषक विक्टर कटोना कहते हैं, 'अभी ही यह कह देना कि भारत रूसी तेल सोकोल नहीं खरीदना चाहता, जल्दबाजी होगी.'

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