
रूसी तेल टैंकर को आने की इजाजत देने से कतराया भारत! अब इस देश ने किया किनारा
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पश्चिमी देशों का 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप रूसी तेल पर बेअसर होता जा रहा था जिसे देखते हुए हाल ही में अमेरिका समेत जी7 देशों ने प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया है. इस कारण भारत के तट के पास तेल से भरा एक रूसी जहाज भटक रहा है. दुनिया के सबसे अधिक जहाजों वाले देश ग्रीस की तरफ से भी रूस को बड़ा झटका लगा है.
रूसी तेल पर अमेरिका की सख्ती बढ़ती जा रही है. हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत रूसी कच्चे तेल से भरे एक जहाज को अपने बंदरगाह पर उतरने की अनुमति नहीं दे रहा है और अब ग्रीस को लेकर ऐसी ही एक खबर आ रही है. दुनिया के सबसे अधिक जहाजों वाले देश ग्रीस की कुछ जहाज कंपनियों को अमेरिका ने एक पत्र भेजकर सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि वो अपने जहाजों को रूसी तेल के निर्यात के लिए इस्तेमाल न होने दें. इसके बाद से ही ग्रीस के जहाज रूस से दूरी बनाने लगे हैं.
ब्लूमबर्ग ने जो शिपिंग डेटा जमा किए हैं, उसके मुताबिक, रूसी तेल ढोने वाले ग्रीस के तेल टैंकरों की संख्या में इस महीने 25% की कमी आएगी, अक्टूबर में जहां ग्रीस के 20 जहाज रूसी तेल ढो रहे थे, नवंबर के महीने में उनकी संख्या घटकर महज 15 हो गई है.
रूसी तेल ढोने वाले ग्रीस के टैंकरों में 2023 के मध्य से ही गिरावट दर्ज की जा रही है. 2023 के मध्य से पहले जहां 50 ग्रीस तेल टैंकर रूसी तेल ढो रहे थे, अब उनकी संख्या में 60% की गिरावट आई है.
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन के 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, रूसी अर्थव्यवस्था में तेल के योगदान को देखते हुए ग्रीस के अधिकतर तेल टैंकरों का रूसी तेल न ढोना रूस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. ग्रीस में दुनिया के सबसे अधिक जहाज हैं. UNCTAD के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल जनवरी में दुनिया के जहाज बाजार में ग्रीस की हिस्सेदारी 18% थी, जो किसी भी दूसरे देश से ज्यादा थी.
रूसी तेल ढोने से बच क्यों रहे ग्रीस के जहाज?
रूस की शिपिंग गतिविधियों में ग्रीस के जहाजों में गिरावट ऐसे वक्त में आई है जब हाल ही में अमेरिकी ट्रेजरी ने कुछ ग्रीक जहाज मालिकों को एक पत्र भेजा है. पत्र में जहाज मालिकों से सख्त लहजे में पूछा गया है कि वो रूसी तेल पर जी7 की 60 डॉलर प्रति बैरल प्राइस कैप का पालन कैसे कर रहे हैं.

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